टप्पेबाजी करने वाले सांसी गिरोह के तीन सदस्य डेढ़ लाख रुपये के साथ गिरफ्तार, दो शातिर से चोरी के पांच वाहन बरामद

सांसी गिरोह के खिलाफ शिकायत
– दिनांक 26 जून को ऋतुराज कुडियाल पुत्र सियाराम कुडियाल निवासी ढालवाला मुनी की रेती टिहरी गढ़वाल ने ऋषिकेश कोतवाली में रिपोर्ट लिखाई थी कि 18 जून को आइएसबीटी ऋषिकेश में किसी ने उनकी पत्नी के बैग में रखी ज्वेलरी को चोरी कर लिया है।
– दिनांक 27 जून को सोहन सिंह नेगी पुत्र मोहन सिंह नेगी निवासी गढ़वाली मोहल्ला बालावाला देहरादून ने रिपोर्ट लिखाई थी कि 16 जून की सुबह वह ऋषिकेश बस अड्डे पर अपनी माता जी के साथ खड़ा था। जहां से उनका पर्स चोरी हो गया। उसमें गले का हार, झुमके आदि सामान था।
– दिनांक 27 जून को राजेंद्र सिंह रमोला पुत्र स्वर्गीय उदय सिंह रमोला निवासी टिहरी विस्थापित कॉलोनी हरिद्वार ने रिपोर्ट लिखाई कि 23 जून की दोपहर के समय टिहरी गढ़वाल की बस में ऋषिकेश से हरिद्वार जाते समय किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा ज्वेलरी को चोरी कर लिया गया है।
अहम सवाल
सवाल ये है कि क्या पुलिस ने समय से रिपोर्ट दर्ज नहीं की। क्योंकि सभी रिपोर्ट 26 व 27 जून की लिखी गई हैं। ऐसा तो नहीं कि जब चोरी का गिरोह पकड़ा गया, तब जाकर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की। ऐसा चोरी के अधिकांश मामलों में होता है। जब कोई चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराता है तो उस समय रिपोर्ट नहीं लिखी जाती। सिर्फ तहरीर ले ली जाती है। जब चोरों के पुलिस करीब पहुंचती है तब ही रिपोर्ट दर्ज की जाती है।
तीन शातिर दबोचे
पुलिस के मुताबिक इस मामले में चार संयुक्त पुलिस टीम गठित की गई। घटनास्थल के आसपास सीसीटीवी फुटेज चेक किए गए। जेल से छूटे अपराधियों का सत्यापन किया गया। संस्थानों, घरों, दुकानों के बाहर लगे करीब सौ से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगालने और कई शातिर अपराधियों से पूछताछ के बाद अपराधियों की पहचान हुई। गत दिवस 27 जून को तीन संदिग्ध व्यक्तियों को आईएसबीटी ऋषिकेश से गिरफ्तार किया गया है।
ये हैं आरोपी
– संजय कुमार पुत्र मन्थीराम निवासी करतार पुर थाना रोहतक सिटी जिला रोहतक हरियाणा।
– विनोद कुमार पुत्र श्री सतवीर सिंह निवासी करतारपुर थाना सिटी रोहतक जिला हरियाणा।
– सत्यवान पुत्र श्री चंदू निवासी ग्राम पेटवाण थाना नारनौल जिला हिसार हरियाणा।
बरामदगी विवरण
गैंग की खासियत
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि यह गैंग गांव कड़ीया जिला राजगढ़ मध्य प्रदेश में रहने वाले सांसी जाति के लोगों का है। गांव मे हर कोई चोरी में लिप्त रहता है। इस गैंग में वारदात करनें के लिए चार से पांच व्यक्ति मौजूद रहते हैं। जो आवागमन मे कार का उपयोग करते हैं। जिसकी नम्बर प्लेट फर्जी होती है। मोबाईल फोन का प्रयोग ये लोग बिलकुल नहीं करते हैं। दूसरे राज्यों की फर्जी सिम का प्रयोग करते हैं, जिससे पुलिस उन तक नही पहुंच सकें। ये लोग किसी ऐसे होटल या स्थान पर नही रुकतें, जहां इनसे आईडी मांगी जाए। इसकी बजाय धार्मिक स्थानों पर जहां अकसर ज्यादा पूछताछ नही होती या हाईवे पर बने ढाबों पर रात गुजारतें है। जिस स्थान पर ये रुकते है उससे कम से कम 100 किमी की दुरी पर ये लोग वारदात करते हैं। किसी भी स्थान पर एक दिन से ज्यादा नही रुकते है।
अपराध का तरीका
वारदात करनें के लिए ये ऐसे बैंक का चयन करतें है जो मुख्य बाजार में हो तथा जहां भीड़ भाड़ हो। ज्यादातर ये लोग भारतीय स्टेट बैक का चयन करते है जो मुख्य बाजार मे स्थित होते हैं। गैग में से एक या दो व्यक्ति बैंक मे जाकर ये देखते है कि किस व्यक्ति ने नगदी निकली है। इनका एक सदस्य बैंक से बाहर रहता है। एक साथी काफी दूरी पर कार लेकर खड़ा रहता हैं। जैसे ही कोई व्यक्ति थैले या बैग में नगदी निकलवाकर बाहर आता है तो रेकी करने वाला व्यक्ति बाहर खड़े व्यक्ति को ईशारा कर देता है। दूसरे साथी उस व्यक्ति के पीछे लग जाते हैं। जैसे ही उसका ध्यान भंग होता है, उसकी नगदी भरा थैला या बैग पार कर लेते है। उसके बाद आँटो पकड़कर पहले से खड़ी की गई कार के पास पहुंच कर फरार हो जाते हैं।
ऐसे भी फांसते हैं जाल में
यह गैंग कृषि उपज मंडी जहां पर लोग फसल बेचकर नगदी प्राप्त करते है या त्यौहारों के समय भीाड़ भाड़ वाले स्थानो पर रेकी करते है। कोई व्यक्ति नगदी या कीमती सामान बैग मे ले जा रहा हो तो उसकी रेकी करते है। इनमें से ही गैंग का एक सदस्य बिस्किट चबाकर शिकार के कपड़ो पर थूक देता है। जो उल्टी या मैले जैसा दिखता है। शिकार व्यक्ति मैले को खुद देखकर या किसी व्यक्ति के बताने पर रुक जाता है और आस पास कोई नल या पानी का स्रोत तलाश करता है। ताकि वह मैला साफ कर सके। गैंग के सदस्य उसका पीछा करते रहते है। जैसे ही शिकार किसी स्थान पर अपना बैग नीचे रखकर मैले को साफ करने लग जाता है। तभा मौका पाकर ये लोग बैग पार कर लेते है।
बस व रेलवे स्टेशन में भी करते हैं चोरी
बस तथा रेलवे स्टेशन आदि में लोगों को चिह्नित कर उनके आसपास इस गैंग के सदस्य अपना बैग रख देते हैं। मौका पाकर बैग बदलकर घटना को अंजाम देते हैं।
पूछताछ में स्वीकारी तीन घटनाएं
पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वे सांसी गैंग के सदस्य हैं। वे रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड आदि जगहों पर चोरी व टप्पे बाजी की घटनाएं करते हैं। वे 8- 10 दिन से टप्पे बाजी की घटना करने के लिए ऋषिकेश बस अड्डे के आसपास घूमते रहे थे। उन तीनों के अलावा दो दो अन्य साथी भी तीनों घटनाओं में शामिल रहे हैं। पांचों ने मिलकर 16 जून, 18 जून व 23 जून को बस अड्डा ऋषिकेश में तीन घटनाएं की थी। तीनों वारदातों में जो सोने के गहने मिले थे। उसे लेकर मुकेश व सोनू रोहतक चले गए थे। दिनांक 25 जून को मुकेश ने हम तीनो को 50-50 हजार रुपए दिए थे। पुलिस के मुताबिक इन लोगों के खिलाफ रोहतक थाने में भी चार मुकदमें दर्ज हैं।
चोरी में शातिर गिरफ्तार, सवा दो लाख कीमत की तीन स्कूटी बरामद
देहरादून शहर कोतवाली में 25 जून को सुरेंद्र सिंह पुत्र धीरज सिंह निवासी शमशेरगढ़ ने चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बताया कि उसकी स्कूटी डिओ किसी ने चकराता रोड से चोरी कर ली है। इस मामले में चेकिंग के दौरान एक स्कूटी सवार युवक से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उक्त स्कूटी चोरी की है। इस पर उसे प्रभात सिनेमा हाल चकराता रोड से गिरफ्तार किया गया। उसकी निशानदेही दो अन्य स्कूटी बरामद की गई। पुलिस के मुताबिक आरोपी की पहचान नितिन गोगिया पुत्र इंद्र लाल गोगिया निवासी- 79 लुनिया मोहल्ला देहरादून के रूप में की गई है। पूछताछ में उसने बताया कि वह नशे का आदी है। जरूरतों को पूरी करने के लिए वाहन चोरी किए थे।
पिकअप और बाइक चोरी में एक गिरफ्तार, वाहन बरामद
पटेलनगर पुलिस ने चोरी की पिकअप व मोटरसाइकिल के साथ एक शातिर चोर को गिरफ्तार किया। पुलिस के मुताबिक 27 जून को थाना पटेलनगर में विपिन कुमार पुत्र राजेन्द्र कुमार निवासी चमन विहार फेस-2 ने खुद की महेन्द्रा मैक्स पिकअप चोरी होने की सूचना दी थी। बताया कि बंजारावाला केदारनाथ एन्टरप्राईज दुकान के बाहर अज्ञात पंजीकृत कर किसी ने वाहन को चोरी किया था।
पुलिस ने घटनास्थल के आसपास के कैमरे चेक किए तो उक्त वाहन हरिद्वार की ओर जाता नजर आया। इस पर पुलिस टीम हरिद्वार पहुंची और आरोपी अनवर पुत्र अख्तर निवासी कैलाशपुर मेहूवाला माफी थाना पटेलनगर जनपद देहरादून मूल निवासी गन्देवडा थाना फतेहपुर जिला सहारनपुर उत्तर प्रदेश चोरी के वाहन के साथ गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि उसने ब्राहमणवाला से एक मोटरसाईकिल भी चोरी की थी। जिसे रैकी के लिए चुराया था। महेन्द्रा पिक अप के मिलने पर मोटरसाईकिल को वहीं छिपा दिया था। पुलिस ने बाइक भी बरामद कर ली। पुलिस ने बताया कि वह पहले भी गाय और वाहन चोरी के मामलों में कई बार देहरादून व सहारनपुर आदि स्थानों से जेल जा चुका है। करीब 02 माह पूर्व जेल से छूट कर आया है। उसके खिलाफ पटेलनगर व नेहरू कालोनी थाने में छह मुकदमें दर्ज हैं।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।