अभी तक मिल रहे हैं यही संकेत, निशंक हो सकते हैं उत्तराखंड के सीएम, बैठक के बाद उनके घर पहुंचे नेता
उत्तराखंड में अगला कौन सीएम होगा, अभी इसकी कोई विधिवत घोषणा नहीं की गई है। वहीं, संकेत ऐसे मिल रहे हैं कि पूर्व सीएम रमेश पोखियाल निशंक की फिर से उत्तराखंड के सीएम के पद पर ताजपोशी हो सकती है।
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव पुष्कर सिंह धामी के चेहरे को लेकर ही लड़ा गया था, लेकिन वह खटीमा सीट से खुद ही चुनाव हार गए। ऐसे में उनकी दावेदारी कुछ कमजोर पड़ी है। वहीं, अनुभव के आधार पर निशंक का नाम प्रबल दावेदार के रूप में लिया जा रहा है। क्योंकि धामी को छह माह के लिए सीएम तो बना दिया गया, लेकिन पूरे पांच साल के लिए पार्टी अनुभव को तव्वजो दे सकती है। उत्तराखंड की पाचंवीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव के परिणाम 10 मार्च को आए। इसमें भाजपा को कुल 70 सीटों में से 47 सीटों पर विजयश्री प्राप्त हुई, जबकि कांग्रेस मात्र 19 सीटें पर सिमट गई। वहीं, दो सीट पर बसपा और दो पर निर्दलीय विजयी रहे। आम आदमी पार्टी अपना खाता भी नहीं खोल पाई।
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में दो-तिहाई बहुमत के बावजूद भाजपा विधायक दल के नेता को लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। भाजपा विधायक दल का नेता चुनने के लिए विधायक दल की बैठक सोमवार को देहरादून में होगी। केंद्रीय नेतृत्व के साथ बैठक में हिस्सा लेने के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने यह जानकारी दी। इसी क्रम में भाजपा विधायक दल का नेता चुनने के लिए दिल्ली में आज भाजपा की अहम बैठक हुई। बैठक के बाद सभी नेता रमेश पोखरियाल निशंक के घर पहुंचे। वहीं इससे पहले सोमवार सुबह 10 बजे राजभवन में राज्यपाल लेज (सेनि) गुरमीत सिंह प्रोटेम स्पीकर बंशीधर भगत को शपथ दिलाएंगे। इसके बाद सभी विधायकों का शपथ ग्रहण होगा। शपथ के बाद विधायक दल की बैठक होगी। हालांकि, दिल्ली में केंद्रीय नेताओं के साथ बैठक के बाद सभी नेता निशंक के आवास में गए। वहां भी बैठक हुई। इस बैठक में कुछ देर भाग लेकर त्रिवेंद्र सिंह रावत और मदन कौशिक उनके आवास से निकल गए। वहीं, धामी और निशंक में देर तक चर्चा जारी रही। इसके बाद धामी भी दून को रवाना होने को निकल गए।
यदि धामी सीएम बनते हैं तो ये है तर्क
सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के धामी के नाम पर मुहर लगाने का फैसला करती है तो इसकी बड़ी वजह यह हो सकती है कि उसे पिछले कार्यकाल में बेहद कम समय में दो मुख्यमंत्रियों को बदलने के लिए काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। एक बीजेपी नेता का कहना है कि अगर उत्तर प्रदेश चुनाव में अपनी सीट गंवाने वाले केशव प्रसाद मौर्य को दोबारा उप-मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है तो धामी को मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया जा सकता है।
जातीय संतुलन बैठाने की कोशिश
हालांकि, सूत्रों ने कहा कि अगर पार्टी किसी नए चेहरे का चयन करने का फैसला लेती है तो क्षेत्रीय और जातीय संतुलन बैठाना काफी अहम होगा। चूंकि, कुमाऊं के एक ब्राह्मण नेता अजय भट्ट को पहले ही केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया जा चुका है, ऐसे में क्षेत्रीय और जातीय संतुलन बैठाने के लिए गढ़वाल के एक ठाकुर या राजपूत नेता को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो सतपाल महाराज या धन सिंह रावत, जो गढ़वाल के प्रमुख ठाकुर नेता हैं, मुख्यमंत्री पद के लिए पसंदीदा चेहरा बनकर उभर सकते हैं।
ये नेता पहुंचे दिल्ली
केंद्रीय नेतृत्व के बुलावे पर कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार रात को दिल्ली पहुंचे। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक भी दिल्ली गए हैं, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व सतपाल महाराज पहले से ही दिल्ली में मौजूद हैं। इसके साथ ही सांसद रमेश पोखरियाल निशंक और अजय भट्ट भी बैठक में शामिल रहे। इन सभी नेताओं ने रविवार को केंद्रीय नेताओं के साथ होने वाली बैठक में हिस्सा लिया। यह बैठक गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर हुई। वहीं पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षकों का पहले आज देहरादून पहुंचने का कार्यक्रम था, लेकिन यह टल गया है। समझा जा रहा है कि अब पर्यवेक्षक रविवार शाम या सोमवार सुबह को पहुंचेंगे। सूत्र बताते हैं कि कल सोमवार को विधायक दल की बैठक में सीएम के नाम पर औपचारिक घोषणा हो जाएगी। हालांकि, नाम दिल्ली में तय कर लिया गया है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।