पंजाब में नहीं होगा नेतृत्व परिवर्तन, बनाए जा सकते हैं दो उप मुख्यमंत्री, हरीश रावत सुलटा रहे हैं विवाद

कांग्रेस ने पंजाब में नेतृत्व परिवर्तन की किसी भी संभावना से साफ इनकार किया है। पार्टी यहां विवाद को टालने के लिए हर संभव प्रयास में जुटी हुई है। माना जा रहा है कि राज्य में दो उप मुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं। इसके संकेत पार्टी के उच्च सूत्रों ने दिए हैं। फैसला हाईकमान को करना है।
गौरतलब है कि पंजाब उन तीन राज्यों में से है, जहां कांग्रेस पार्टी सत्ता पर काबिज है। यहां भी अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में कांग्रेस हाईकमान नहीं चाहता कि चुनाव तक पार्टी के भीतर गुटबाजी रहे। पंजाब के मुख्यमंत्री सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ पिछले कुछ समय से असंतोष के सुर उठ रहे हैं, जिसका समाधान तलाशने की पार्टी कोशिश में जुटी है।
पार्टी की तीन सदस्यीय समिति के सदस्य और वरिष्ठ कांग्रेस नेता उत्तराखंड के पूर्व सीएम एवं पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने 28 लोगों से मुलाकात की थी। इनमें से 25 बागी विधायक भी शामिल हैं। इनसे बातचीत के बाद उन्होंने सोमवार को संवाददाताओं से कहा था कि उन्हें कई चिंताओं से अवगत कराया गया। इसमें वर्ष 2015 के गुरु ग्रंथ साहिब का ‘अनादर’ मामला और पुलिस फायरिंग के दोषियों पर कार्रवाई न होना शामिल है।
रावत ने यह भी कहा कि विधायकों की कैप्टन अमरिंदर सिंह से बहुत उम्मीदें हैं, ऐसे में नाराजगी है। रावत ने कहा कि हमारे नेताओं ने बताया है कि वे अपने विधानसभा क्षेत्र का विकास करना चाहते हैं। उन्हें कुछ फंड दिया गया है, लेकिन वे और चाहते हैं। यह विधायकों की बहुत कुछ ‘दिल मांगे मोर’ जैसी स्थिति है। उन्होंने कहा कि समिति अन्य मामलों का भी समाधान तलाशने की कोशिश करेगी।
कांग्रेस के सूत्र यहां तक बताते हैं कि संकट दूर करने के लिए समिति दो उप मुख्यमंत्रियों की नियुक्ति की सिफारिश कर सकती है। इसमें से एक दलित समाज से हो। पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी की ओर से नियुक्त इस समिति का अमृतसर ईस्ट के विधायक और पंजाब के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू से भी मिलने का कार्यक्रम है। सिद्धू को पार्टी में अमरिंदर सिंह का प्रमुख विरोधी माना जाता है।
समिति जालंधन के विधायक और पूर्व इंटरनेशनल हॉकी खिलाड़ी परगट सिंह से भी मिलेगी। परगट ने अमरिंदर के सहयोगी पर उन्हें धमकी देने का आरोप लगाया था। इस बीच, सीएम अमरिंदर ने मंगलवार सुबह एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया है कि उनकी सरकार, 2022 के विधानसभा चुनाव में जाने के पहले, अपने सभी चुनावी वादे पूरे करेगी।
हरीश रावत जी सारा मामला सुलझा लेंगे