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August 7, 2025

उत्तराखंड में खनन विभाग, सहकारिता विभाग, शिक्षा विभाग में घोटालों की भरमार, सभी की हो उच्च स्तरीय जांचः करन माहरा

उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने राज्य में खनन विभाग, सहकारिता विभाग, शिक्षा विभाग में घोटालों की भरमार का आरोप लगाया। साथ ही इन सभी मामलों की उच्च स्तरीय जांच की मांग की।

उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने राज्य में खनन विभाग, सहकारिता विभाग, शिक्षा विभाग में घोटालों की भरमार का आरोप लगाया। साथ ही इन सभी मामलों की उच्च स्तरीय जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य में खनन विभाग में मनमाने ढंग से ली रॉयल्टी ली जा रही है। विभिन्न विभागों में मनमाने ढंग से की जा रही भर्तियों एवं भ्रष्टाचार पर सरकार को घेरते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने सभी मामलों की उच्च स्तरीय जांच कराये जाने की मांग की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार पर आकंठ डूबे होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा शासन में जहां एक ओर राज्य के खनन विभाग में रॉयल्टी के नाम पर भारी भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है, वहीं सहकारिता विभाग, शिक्षा विभाग तथा उत्तराखंड, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से की जाने वाली भर्तियों में भी भारी भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि 2007 से पूर्व रू 37/- प्रति घनमीटर रॉयल्टी वसूली जाती थी जो 2007-2012 तक 84/-रूपये प्रति घन मीटर थी। इसे कांग्रेस पार्टी की तत्कालीन सरकार ने अपने शासनकाल में 2012-2017 तक यथावत रखा। 2017 के बाद भाजपा सरकार ने सत्ता मे आते ही रेत और पत्थर की रॉयल्टी अलग-अलग करते हुए क्रमशः 197 रूपये तथा 194 रूपये कर दी।2019 में इसमें 25 प्रतिशत डीएम फण्ड (न्यास) जोड़ दिया गया। जो अब ठेकेदारों को 245 रूपये प्रति घन मीटर पडता है। यही नहीं राज्य में खनन की चोरी लगातार बढ़ती जा रही है तथा रॉयल्टी में पत्थर का उल्लेख नहीं हो रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि खनन के रवन्ने के कागज उपलब्ध नहीं होने पर सरकार पांच गुना याने 1100/-रूपये प्रति घनमीटर वसूल रही है। पहले खनन का रवन्ना होने पर ठेकेदार द्वारा रॉयल्टी के नाम पर जमा की गई धनराशि समय समाप्त होने पर रिफन्ड की जाती थी। परन्तु वर्तमान में राजनैतिक संरक्षण में पूरे प्रदेश में अवैध खनन का कारोबार फल-फूल रहा है। इससे प्रदेश में भारी मात्रा में खनन चोरी को प्रश्रय मिल रहा है। साथ ही सरकारी खजाने को राजस्व की भी भारी हानि हो रही है। उस हानि की भरपाई करने के लिए ठेकेदारों के ऊपर इस तरीके की रॉयल्टी थोपी जा रही है। इससे छोटे-छोटे ठेकेदारों का भविष्य चैपट हो रहा है। बड़े ठेकेदार लाभान्वित हो रहे हैं। हमारी मांग है कि ठेकेदारी में खनन की रॉयल्टी पूर्व की भांति ही जारी रखी जाय। इससे छोटे ठेकेदारों का भविष्य सुरक्षित हो सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि त्रिवेन्द्र सिंह रावत सरकार में उन्हीं की पार्टी के सम्मानित विधायकों यतीश्वरानन्द एवं सुरेश राठौर ने सहकारिता विभाग में हो रहे भर्ती घोटाले के खिलाफ आवाज उठाई थी। कांग्रेस पार्टी ने तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के नेतृत्व में सहकारिता विभाग की भर्तियों में हो रहे घोटाले की जांच की मांग को लेकर सचिवालय गेट पर घरना दिया था। कांग्रेस द्वारा उठाये गये मामले के बाद सहकारिता विभाग रूडकी में हुई भर्ती घोटाले की जांच में दोषी पाये गये सचिव के निलम्बन ने स्पष्ट कर दिया था कि सहकारिता विभाग की भर्तियों में भारी घोटाला हुआ है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

करन माहरा ने कहा कि सहकारिता विभाग में पिछले 8 से 12 साल से संविदा तथा आउट सोर्स के माध्यम से कार्यरत कर्मियों ने उनके कार्यालय में मुलाकात कर ज्ञापन देते हुए सहकारी बैंकों में 61 पदों पर हुई भर्तियों में बैंक अध्यक्ष, सचिव तथा अधिकारियों पर मिली भगत कर अपने रिस्तेदारों, चहेतों को रेवडी बांटने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग में हुई सभी भर्तियों की कांग्रेस पार्टी पहले भी जांच की मांग करती आ रही है। अब फिर से मांग कर रही है कि जांच से पूर्व विभागीय मंत्री या तो स्वयं इस्तीफा दें अथवा उन्हें तत्काल बर्खास्त किया जाय। ताकि जांच प्रभावित न हो क्योंकि निष्पक्ष जांच के लिए यह आवश्यक है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने यह भी कहा कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से वीपीडीओ पदों के लिए हुई भर्ती परीक्षा में 15-15 लाख रूपये लेकर पेपर लीक कर नौकरियां बेचने का मामला सामने आया है। एसटीएफ द्वारा कैश के साथ की गई आरोपियों की गिरफ्तारी से आयोग की पूरी भर्ती परीक्षा संदेह के घेर में आ गई है। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती घोटाले में हुई कार्रवाई राज्य के सरकारी विभागों की भर्तियों में हो रहे भारी भ्रष्टाचार तथा अनियमितताओं की बानगी मात्र है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

एक अन्य मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग में यूनिवर्सिटी या कॉलेज में वीसी तथा प्रवक्ताओं की नियुक्ति के मामले में महामहिम राज्यपाल की ओर से स्पष्ट आदेश दिये गये थे कि नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती जाय। साथ ही पूरी नियुक्ति प्रक्रिया की वीडियो रिकार्डिंग की जाय। जिस दिन राज्यपाल महोदय द्वारा यह आदेश दिया गया, उसी दिन मुक्त विश्वविद्यालय में आनन-फानन में वीसी की नियुक्ति कर दी गई। हमारा सवाल है कि क्या मुक्त विश्वविद्यालय में हुई वीसी की नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए वीडियो रिकार्डिंग हुई? इसका सरकार को जवाब देना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने यह भी कहा कि भाजपा सरकार हर घर तिरंगा योजना के तहत 100 करोड़ तिरंगे झण्डे लगाने की बात कर रही है। उत्तराखंड राज्य में 23 लाख राशन कार्ड धारक हैं, जबकि उत्तराखंड की राज्य सरकार राज्य में 20 लाख घरों में ही झंडे लगाने की बात कर रही है। सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि बाकी 3 लाख लोगों के घरों को राज्य सरकार किस नीति के तहत तथा किस इरादे से छोड रही है। क्योंकि राज्य के सभी निवासियों की जिम्मेदारी भी तो राज्य सरकार की ही है। पत्रकार वार्ता में प्रदेश उपाध्यक्ष प्रशासन एवं संगठन मथुरादत्त जोशी, प्रदेश महामंत्री संगठन विजय सारस्वत, प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी, मीडिया पैनलिस्ट गरिमा दसौनी, मीडिया पैनलिस्ट राजेश चमोली एवं दर्शन लाल उपस्थित थे।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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