गुजरात में भी उत्तराखंड और कर्नाटक की कहानी, सीएम विजय रूपाणी नेइस्तीफा, भाजपा के विजय प्लान में थे अनफिट
भाजपा ने सीएम बदलने का अब प्रयोग ही शुरू कर दिया है। उत्तराखंड और कर्नाटक के बाद अब उसी कहानी को गुजरात में भी दोहराया गया है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने शनिवार को अपने पद से त्यागपत्र दे दिया।

भाजपा ने सीएम बदलने का अब प्रयोग ही शुरू कर दिया है। उत्तराखंड और कर्नाटक के बाद अब उसी कहानी को गुजरात में भी दोहराया गया है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने शनिवार को अपने पद से त्यागपत्र दे दिया। खबरों के मुताबिक, रूपाणी दोपहर में करीब 3 बजे राजभवन राज्यपाल से मिलने पहुंचे और उसके बाद उनके इस्तीफे की खबरें बाहर आईं। रूपाणी ने अचानक ही त्यागपत्र देने के बाद मीडिया के सामने अपनी बात रखी। गुजरात में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और इसके पहले ही उन्होंने पद छोड़ने का ऐलान कर दिया है। रुपाणी के इस्तीफे ने गुजरात में सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है। उनके उत्तराधिकारी को लेकर भी अटकलें बढ़ने लगी हैं। बताया जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा के विजय प्लान में रूपाणी अनफिट लग रहे थे।
त्यागपत्र देने के बाद रूपाणी मीडिया से भी रूबरू हुए। उन्होंने कहा, मैंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गुजरात की विकास यात्रा आगे भी इसी तरह जारी रहनी चाहिए। रूपाणी का कल ही एक बयान आया था, जिसमें कथित तौर पर हिन्दू लड़कियों को फंसाने और गोहत्या करने वालों को चेतावनी दी गई थी, लेकिन आज अचानक उनके इस्तीफे से सियासी दिग्गज भी हैरान रह गए।
इससे पहले इन राज्यों के बदले गए सीएम
गौरतलब है कि बीजेपी को अगले साल उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और गुजरात जैसे कई राज्यों में विधानसभा चुनावों का सामना करना है। गुजरात में बीजेपी दो दशकों से भी ज्यादा वक्त से सत्ता में है। इससे पहले उत्तराखंड में बीजेपी ने मुख्यमंत्री बदला था। पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाकर तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया था। बहुत कम समय में ही उन्हें हटाकर पुष्कर धामी को कमान सौंपी गई। कर्नाटक में भी बीजेपी ने वयोवृद्ध नेता बीएस येदियुरप्पा की जगह बोम्मई को कमान सौंपी है।
त्रिवेंद्र की तरह नहीं स्पष्ट हो पाई इस्तीफे की वजह
उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह रावत तो आज तक ये पता नहीं कर पाए कि उन्हें आखिर क्यों सीएम पद से हटाया गया। इसी तरह रूपानी को हटाने की भी वजह साफ नहीं हो पाई है। बीजेपी में उम्र को देखते हुए सत्ता में बदलाव को लेकर कई बार पहल देखी गई है। येदियुरप्पा की उम्र 78 साल थी और विजय रूपाणी 65 साल के ही हैं। गुजरात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह नगर है। ऐसे में वहां सत्ता में अपनी पकड़ बनाए रखना बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का विषय है। हालांकि रूपानी के इस्तीफे की सही वजह अभी स्पष्ट नहीं हो सकी है। रूपाणी हालिया वक्त में बीजेपी के चौथे मुख्यमंत्री हैं, जिन्हें इस्तीफा देना पड़ा है।
बीएस येदियुरप्पा ने जुलाई में अपने पद से इस्तीफा दिया था। उत्तराखंड ने चार महीनों के भीतर दोहरा परिवर्तन झेला था। कोरोना काल की मुश्किलों के बीच अगले साल यूपी के साथ कई राज्यों में दोबारा सत्ता में वापसी बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि विजय रूपाणी भाजपा के गुजरात विजय के प्लान में फिट नहीं बैठ रहे थे।
उत्तराखंड की राज्यपाल ने भी दिया था इस्तीफा
गौरतलब है कि बेबी रानी मौर्य ने 8 सितंबर को अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंप दिया था। इसके बाद से ही नए राज्यपाल के नाम को लेकर चर्चाएं हो रही थीं। 28 अगस्त 2018 को बेबी रानी मौर्य ने उत्तराखंड के राज्यपाल की जिम्मेदारी संभाली थी। 3 साल से अधिक का वक्त गुजारने के बाद राज्यपाल बेबी रानी मौर्य अपने पद से इस्तीफा दिया।
चार राज्यों में की गई थी राज्यपालों की नियुक्ति
इसके बाद कई प्रदेशों में नए राज्यपालों की नियुक्ति कर दी गई थी। बेबी रानी मौर्य के इस्तीफे के बाद बृहस्पतिवार को लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह उत्तराखंड का नया राज्यपाल बनाया गया। वह उत्तराखंड के आठवें राज्यपाल हैं। इसके साथ ही वहीं तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को पंजाब का राज्यपाल बनाया गया है। नागालैंड के राज्यपाल आरएन रवि को तमिलनाडु का राज्यपाल बनाया गया है। उधर असम के राज्यपाल जगदीश मुखी को नागालैंड का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।