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April 17, 2025

ई पास वालों की संख्या कम, बगैर पास वाले लौटाए जा रहे, चारधाम यात्रा को लेकर हाईकोर्ट पहुंची सरकार, 10 अक्टूबर को बंद होंगे हेमकुंड साहिब के कपाट, खोले गए सहायता केंद्र

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 18 सितंबर से शुरू तो हुई, लेकिन व्यवस्थाएं ढर्रे पर नहीं आ पाई। दो-दो पोर्टलों में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया से गुजरने के बाद ही यात्रा की अमुमति है।

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 18 सितंबर से शुरू तो हुई, लेकिन व्यवस्थाएं ढर्रे पर नहीं आ पाई। दो-दो पोर्टलों में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया से गुजरने के बाद ही यात्रा की अमुमति है। वो भी सीमित संख्या में। ऐसे में जो रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं, उनमें भी पूरे लोग इन धामों में नहीं पहुंच रहे हैं। वहीं, जो बगैर रजिस्ट्रेशन के पहुंच रहे हैं, उन्हें वापस लौटाया जा रहा है। ऐसे में यात्रियों की फजीहत भी हो रही है। अब सरकार यात्रियों की संख्या बढ़ाने को लेकर हाईकोर्ट चली गई है। उधर, सिखों के पवित्र तीर्थ स्थल हेमकुंड साहिब के साथ ही हेमकुंड गुरुद्वारा के निकट हिंदुओं की आस्था के केंद्र लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट 10 अक्टूबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
दो दो पोर्टल
चारधाम यात्रा को लेकर दो दो पोर्टल बनाए गए हैं। इनमें केदारनाथ धाम में 800, बदरीनाथ धाम में 1000, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री धाम में एक दिन में 400 यात्रियों के जाने की अनुमति दी है। चारधाम यात्रा के लिए उत्तराखंड से बाहर के श्रृद्धालुओं के लिए देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल http://smartcitydehradun.uk.gov.in में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। साथ ही ई पास के लिए देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट www.devasthanam.uk.gov.in या http:// badrinah- Kedarnath.uk.gov.in में अप्लाई करना है।
अब स्थिति देखिए
स्थिति ये है कि चारधाम यात्रा के लिए देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल में तो रजिस्ट्रेशन जब चाहे करा लो, लेकिन ई पास के लिए रजिस्ट्रेशन लगभग फुल हो चुके हैं। यदि कोई अप्लाई करे तो कोई भी तारीख खाली नहीं दर्शा रहा है। वहीं, लोग ई पास के लिए अप्लाई तो कर रहे हैं, लेकिन ऐसे सारे लोग यात्रा के लिए नहीं निकल रहे हैं। नतीजा ये निकल रहा है कि निर्धारित संख्या से कम ही लोग धामों में पहुंचकर दर्शन कर रहे हैं। वहीं, स्थिति ये है कि ई पास अप्लाई नहीं हो रहा है। ऐसे में लोग ये समझ रहे हैं कि मौके पर ही रजिस्ट्रेशन हो जाएगा। ऐसे में बड़ी संख्या में लोग चारधाम के लिए जा रहे हैं, लेकिन रास्तों में चेकिंग स्थलों से उन्हें वापस लौटाया जा रहा है। कई बार तो श्रद्धालुओं और पुलिस के बीच विवाद की नौबत भी आ रही है। पुलिस अपना फर्ज निभा रही है और श्रद्धालु अपनी परेशानी से उपजी भड़ास को विवाद के जरिए शांत कर रहे हैं।
जा रहे हैं दूसरे पर्यटक स्थलों पर
ऐसे में यात्री खाली हाथ वापस नहीं लौटना चाहते हैं। ऐसी स्थिति में तुंगनाथ सहित अन्य धार्मिक स्थलों की ओर श्रद्धालु रुख कर रहे हैं। चौपता, औली सहित दूसरे पर्यटन स्थलों की तरफ भी श्रद्धालुओं की आमद बढ़ रही है। वहीं, प्रशासन के पास ऐसी कोई भी व्यवस्था नहीं है कि यदि किसी दिन रजिस्ट्रेशन करने वाले यात्रियों की संख्या कम हो तो उनके स्थान पर दूसरों का रजिस्ट्रेशन कर पास जारी कर दिए जाएं। क्योंकि आनलाइन ईपास के लिए तो सारे दिन फुल दर्शाए जा रहे हैं।
10 अक्टूबर को शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे श्री हेमकुंड साहिब के कपाट
चारधाम यात्रा शुरू होने के साथ ही हेमकुंड साहिब के साथ ही लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट 18 सितंबर को खोले गए थे। पहले सामान्य स्थिति हेमकुंड साहिब के कपाट एक जून को खोले जाते थे। इस पर अभी तक मात्र 5000 श्रद्धालु हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा पहुंचे। अब श्री हेमकुंड गुरुद्वारा ट्रस्ट गोविन्द घाट के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने जानकारी दी कि 10 अक्टूबर को कपाट बंद कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कहा कि कोरोना महामारी के कारण श्री हेमकुंड साहिब के कपाट इस वर्ष देर में खुले।

देवस्थानम बोर्ड ने चारधाम यात्रा बस अड्डे‌ पर‌ यात्री सहायता काउंटर शुरू
आयुक्त गढ़वाल एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन‌ ने‌ विगत 25 सितंबर ऋषिकेश में चारधाम यात्रा व्यवस्था का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने यात्रियों की सहायता के लिए हेल्पडेस्क स्थापित करने के आदेश दिए थे। इस क्रम में चारधाम यात्रा टर्मिनल‌ पर चिकित्सा विभाग, पुलिस, प्रशासन, परिवहन, संयुक्त रोटेशन पर्यटन सहित देवस्थानम बोर्ड ने यात्री सहायता डेस्क स्थापित किये हैं। ‌देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह ने बताया कि यात्रियों की सहायता के लिए हेल्पडेस्क शुरू कर गी गई है। मीडिया ‌प्रभारी डा. हरीश‌ गौड‌ ने‌ बताया विभिन्न प्रदेशों से‌ तीर्थ यात्री चारधाम यात्रा के लिए‌ ऋषिकेश पहुंच रहे है। उन्हें उचित मार्गदर्शन‌ दिया जा रहा है।
सरकार गई हाईकोर्ट
उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा में तीर्थ पुरोहितों व स्थानीय लोगों की मांग व यात्रा मार्ग में तीर्थयात्रियों के साथ हो रही अव्यवस्था को देखते हुए सरकार ने हाईकोर्ट में दस्तक दी है। तीर्थयात्रियों की निर्धारित संख्या बढ़ाने को हलफनामा के साथ सरकार ने प्रार्थना पत्र दाखिल किया है।
हाईकोर्ट ने सरकार की अर्जी पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर लगाई गई अग्रिम रोक हटा दी थी। साथ ही केदारनाथ धाम में प्रतिदिन 800 भक्त, बद्रीनाथ में 1000, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 400 भक्तों को जाने की अनुमति प्रदान की है। साथ ही कहा था कि हर भक्त या यात्री को कोविड निगेटिव रिपोर्ट और डबल वैक्सीनेशन सॢटफिकेट लेकर जाना अनिवार्य होगा। हर यात्री या भक्त को कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन करना होगा। यात्रा शुरू होने के बाद रजिस्ट्रेशन व ई पास जारी होने के बाद धामों में अव्यवस्था होने लगी।
रजिस्ट्रेशन होने व ई पास जारी होने के बाद यात्रियों को धाम में निर्धारित संख्या व कोविड प्रोटोकॉल की वजह से दर्शन की अनुमति नहीं मिली। इससे स्थानीय व्यवसाइयों व लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। बंद तक का ऐलान कर दिया गया। इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यात्रियों की संख्या बढ़ाने को लेकर राज्य के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की। तय हुआ कि हाईकोर्ट में संख्या बढ़ाने के लिए अनुरोध किया जाय।
गुरुवार को सरकार की ओर से इस आशय का हलफनामा दाखिल कर दिया गया। मुख्य स्थाई अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने हलफनामा दाखिल होने की पुष्टि की है। सरकार के अनुसार चारों धामों को एसओपी का पूरी तरह अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है। सीमित संख्या में बेहद कम तीर्थयात्री या भक्त दर्शन को जा पा रहे हैं। एसओपी के अनुसार निर्धारित संख्या से अधिक को दर्शन की अनुमति दी जा सकती है। धाम के मंदिरों में यात्रियों को धाॢमक स्वतंत्रता प्रदान की गई है, लिहाजा धामों में तीर्थयात्रियों की तय संख्या को बढ़ाया जाए।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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