मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति 30 नवंबर देहरादून के गांधी पार्क में देगी धरना, सरकार से मांगेगी स्पष्टीकरण
उत्तराखंड सरकार की तरफ से मूल निवास के मुद्दे पर लगातार हो रही अनदेखी पर मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति ने आक्रोश जताया। साथ ही पूरे उत्तराखंड में आंदोलन की चेतावनी दी है। आगे की रणनीति को लेकर देहरादून में आयोजित संघर्ष समिति की बैठक में संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने 30 नवंबर को देहरादून के गांधी पार्क में धरना देने का निर्णय लिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
समिति के संयोजक लूशुन टोडरिया ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने भू कानून और मूल निवास के मुद्दे को वर्षों से उलझा के रखा हुआ है। रजत जयंती वर्ष के मौके पर आयोजित विधानसभा सत्र के अंदर भी मूल निवास के मुद्दे पर हुई चर्चा को सुनियोजित साजिश के तहत भटकाया गया। सरकार अगर सच में गंभीर है तो मूल निवास और उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में पांचवी अनुसूची के आधार पर मूल निवास और भू कानून लागू करने पर विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित करे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
टोडरिया ने कहा कि अगर जल्द ही मूल निवास भू कानून के मुद्दे पर निर्णायक फैसला नहीं होगा तो पूरे प्रदेश में आंदोलन किया जाएगा। समिति के विधि सलाहकार आशुतोष शर्मा ने कहा है कि उत्तराखंड राज्य में मूल निवासियों के अधिकारों पर लगातार कुठाराघात हो रहा है। उत्तराखंड राज्य की अवधारणा को खत्म करने की साजिशे बर्दाश्त नहीं की जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
समिति के देवेंद्र बेलवाल ने कहा है कि उत्तराखंड सरकार द्वारा लागू किया गया हुआ भू कानून बिल्कुल भी जन हितैषी नहीं है । उत्तराखंड की जमीनों की लूट अभी भी खुलेआम चल रही है । सरकार भू कानून के नाम पर जनता को मूर्ख बनाना बंद करे। राज्य आंदोलनकारी गुड्डी थपलियाल ने कहा कि 42 शहादतों के बाद भी राज्य आंदोलनकारियों के सपनों का राज्य अभी तक नहीं बन पाया है। इस राज्य का दुर्भाग्य है कि जंगल जमीन के अधिकारो के लिए अभी भी संघर्ष करना पड़ रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आंदोलनकारी सरिता जुयाल और प्रमोद काला ने कहा है कि अगर जल्द ही सरकार उत्तराखंड में मजबूत भू कानून और मूल निवास लागू नहीं करती तो आंदोलन को गाँव गाँव तक पहुंचाया जाएगा। बैठक में मनवीर भंडारी, सुमित थपलियाल, राकेश नेगी, चंद्रमोहन जोशी, कनिष्क जोशी, प्रियांशु नेगी, केशवानंद, देवेंद्र हिंदवान, जसवंत बिष्ट, सौरभ रावल आदि मौजूद थे।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।




