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June 22, 2025

बोली कठपुतली-राजनीति का सफर है सुहाना, कल किस पार्टी में जाना, ऐसे लोगों को सबक जरूर सिखाना, गिनाए गोदी मीडिया के फायदे

कठपुतली की कहानी में एक सच्चाई जुड़ी होती है। कठपुतलियां हमेशा से समाज में ज्वलंत मुद्दों को लेकर एक संदेश देने का काम करती आई हैं। कठपुतली देश की ज्वलंत समस्या को उजागर करती है। यहां हम आपको दो कठपुतली के बीच का संवाद सुना रहे हैं। जो देश में राजनीति में हो रहे बदलाव और गोदी मीडिया पर कटाक्ष करती हैं। हम आपके लिए हर सप्ताह एक इसी तरह की कहानी लेकर आ रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कठपुतली आपस में बात करती हैं। चिंता जताती हैं कि नेताओं में बदलाव देखा जा रहा है। अपनी हनक , ताकत दिखाने के लिये विचार, प्रतिबद्धता, पैसों के खातिर सब बदल रहा है। यहां कठपुतली गोदी मीडिया बनने के बता रही फायदे। लोग बिकने को तैयार हैं। कठपुतली बिकने के फायदे बताती है। वहीं, दूसरी कठपुतली आशावादी है। उसे मतदाताओं में विश्वास है। उसका कहना है कि एक दिन ऐसा आएगा जब दलबदलने वालों को मतदाता नहीं जिताएगा, तब गोदी मीडिया भी बदल जाएगा। इस कहानी में दो कठपुतलियों में आपसी संवाद को इस कहानी में बखूबी दर्शाया गया है। अंत में कठपुतली कहती है कि-बोली कठपुतली-राजनीति का सफर है सुहाना, कल किस पार्टी में जाना, ऐसे लोगों को सबक जरूर सिखाना। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

रामलाल कर रहे हैं नए प्रयोग
देहरादून के ठाकुरपुर निवासी रामलाल भट्ट 12 साल की उम्र के कठपुतली पर प्रयोग रहे हैं। करीब 40 साल से वह कठपुतली खुद बनाते हैं और नचाते हैं। स्कूलों में प्रोग्राम देते हैं। गांव में, संस्थाओं के लिए, युवाओं के लिए प्रोग्राम देते हैं। उनका कहना है कि कठपुतली शिक्षा में भी सहायक है। कठपुतलियों की मदद से किसी विषय को आसानी पढ़ाया जा सकता है। गणित जैसे मुश्किल विषय को भी खेल खेल में आसानी से समझाया जा सकता है। रामलाल ने पर्यावरण बचाने के लिए भी कठपुतली के माध्यम से कई प्रयोग किए। सोशल मीडिया का जमाना आया तो यू ट्यूब के माध्यम से भी कठपुतली नचा रहे हैं। कठपुतली के शो में कठपुतली नचाने के साथ ही बेजान कठपुतलियों को आवाज देना भी अहम काम है। अलग अलग कठपुतलियों को अलग अलग आवाज देना कोई आसान काम नहीं है। इस काम में रामलाल के साथ की दूसरी कलाकार धनवीरा देवी बखूबी करती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कलाकार का परिचय
देहरादून के ठाकुरपुर निवासी रामलाल भट्ट करीब चालीस साल के कठपुतलियों को लेकर प्रयोग कर रहे हैं। वह स्कूलों में शिक्षाप्रद वर्कशॉप भी आयोजित करते हैं। उनके पपेट शो में चार तरह की कठपुतलियों का इस्तेमाल होता है। इनमें वह धागेवाली पपेट, रॉड पपेट, मोपेड पपेट और दस्ताना पपेट के जरिये अपना शो करते हैं। यदि किसी को स्कूलों या संस्थानों में पपेट शो या वर्कशाप करानी हो तो वे इन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं। संपर्क सूत्र—9412318880, 7017507160

 

 

Bhanu Prakash

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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