दरकी पहाड़ी, गोविंदघाट से हेमकुंड को जोड़ने वाला पुल धराशाई

उत्तराखंड में अब बारिश का दौर थमा, लेकिन मुसीबत और ज्यादा बढ़ती नजर आ रही है। आज बुधवार पांच मार्च की सुबह यानि कि पांच मार्च को चमोली जिले में गोविंदघाट के पास पहाड़ी पर भूस्खलन हुआ और ढेरों मलबे ने हेमकुंड साहिब को जोड़ने वाले पुल को धराशाई कर दिया। इसके साथ ही चमोली जिले में हिमस्खलन का खतरा बरकरार है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एक दिन पहले तक उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में बारिश और बर्फबारी का दौर चल रहा था। चमोली जिले में मंगलवार को भी मौसम खराब रहा। बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब सहित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी हुई, जबकि निचले क्षेत्रों में बारिश हुई। इससे जिले में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। हालांकि पूर्वाह्न 11 बजे मौसम सामान्य हुआ और धूप खिली लेकिन देर शाम को फिर मौसम खराब हो गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हालांकि, क्षतिग्रस्त पुल को तैयार करने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा, जैसा कि चारधाम यात्री रूट हो या फिर अन्य तीर्थ स्थल। हर बार सड़क और पुल टूटने के कुछ ही दिन बाद स्थिति सामान्य कर दी जाती है। इस बार सिख श्रद्धालुओं के पवित्र तीर्थ स्थल श्री हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मई को साल की पहली अरदास के साथ खोल दिए जाएंगे। इसके साथ ही गुरुद्वारे के बगल में लक्ष्मण लोकपाल मंदिर के कपाट भी खोल दिए जाते हैं। 10 अक्टूबर को श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा का समापन हो जाएगा। इस बीच लाखों की तादाद में सिख श्रद्धालुओं के धाम पहुंचने की उम्मीद है। इसके लिए अब गुरुद्वारा प्रबंधन और प्रशासन मिलकर तैयारियां तेज करेंगे।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।