मणिपुर हिंसा की आंच मिजोरम तक पहुंची, मैतेई लोग छोड़ रहे हैं राज्य, मणिपुर में दो और युवतियों से हुआ था रेप, फिर हत्या
मणिपुर में चार मई को भीड़ ने दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमाया था। साथ ही एक के भाई और एक के पिता की हत्या भी कर दी थी। अब एक सूचना और आ रही है कि इसी दिन दो और युवतियों से रेप किया गया था। अब मिजोरम में हिंसा की आंच पड़ोसी राज्य मिजोरम में भी पहुंच रही है। अंडरग्राउंड मिजो नेशनल फ्रंट के मिलिटेंट्स के संगठन पीस अकॉर्ड एमएनएफ रिटर्नीज एसोसिएशन (PAMRA) ने एक बयान जारी करके कहा कि मिजोरम में रहने वाले मैतेई लोगों को उनकी सुरक्षा के मद्देनजर राज्य छोड़ देना चाहिए। इस वक्त मीजो समुदाय की भावनाएं आहत हैं।
बताया जा रहा है कि डर के कारण मैतेई समुदाय के 40 लोग शनिवार को मिजोरम राज्य छोड़कर मणिपुर की राजधानी इंफाल आ गए हैं। हजारों लोग पलायन को मजबूर हैं। मणिपुर सरकार ने भी कह दिया है कि वो अपने मैतेई लोगों को चार्टर्ड फ्लाइट से इवेक्युएट कराएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मणिपुर में 4 मई को दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने के साथ एक और घटना हुई थी। उसी दिन दो अन्य लड़कियों का रेप कर हत्या कर दी गई थी। ये घटना कांगपोकपी जिले के कोनुंग ममांग इलाके में हुई थी, यह जगह दूसरे घटनास्थल से 40 किलोमीटर दूर है। पीड़ितों के साथ काम करने वाले एक शख्स ने बताया कि एक लड़की की उम्र 21 और दूसरी की 24 साल थी। दोनों गैराज में काम करती थीं। उस दिन भीड़ में महिलाएं भी आई थीं। उन महिलाओं ने ही भीड़ में मौजूद मर्दों से उनका रेप करने के लिए कहा था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके बाद वो लड़कियों को कमरे में ले गए। लाइट बंद कर दी। उनके मुंह पर कपड़ा बांध दिया गया। डेढ़ घंटे बाद उनको घसीटते हुए बाहर लाया गया। उनके शरीर पर कपड़े नहीं थे। वो खून से लथपथ थीं। उनके बाल भी कटे हुए थे। दोनों लड़कियों में से एक की मां से बात की। उन्होंने बताया कि 16 मई को उन्होंने सैकुल पुलिस स्टेशन में जीरो FIR दर्ज कराई थी। डरे होने के कारण पहले रिपोर्ट दर्ज कराने की हिम्मत नहीं हुई। बाद में जब माहौल थोड़ा शांत हुआ तो रिपोर्ट दर्ज कराई थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एफआईआर के मुताबिक, दोनों लड़कियों का रेप हुआ, उन्हें टॉर्चर किया गया और बाद में बेरहमी से हत्या कर दी गई। इस घटना में 100-200 लोगों के मौजूद होने का जिक्र है। ये मामला फिलहाल पोरोम्पैट पुलिस स्टेशन को ट्रांसफर कर दिया गया है। पुलिस को अब तक पीड़ितों के शव नहीं मिले हैं। मणिपुर पुलिस ने बताया कि इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गौरतलब है कि 19 जुलाई को महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने का वीडियो वायरल हुआ था। ये वीडियो भी चार मई का था। बताया जा रहा है कि गांव में हमला होने पर एक परिवार की कुछ महिलाएं और पुरुष जान बचाने को जंगल में भागे। पुलिस मौके पर पहुंची और उन्हें सुरक्षा देने के लिए थाने ले जा रही थी। थाने से दो किमी पहले भीड़ ने इन लोगों को पुलिस से छीनकर अपने कब्जे में ले लिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके बाद दो युवतियों के साथ ही एक 50 वर्षीय महिला को नग्न कर परेड कराई। युवतियों के साथ रेप किया। एक के पिता और एक के भाई की हत्या कर दी। पुलिस के सामने ये सब कुछ हुआ, लेकिन पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया। ना ही घटना के मौके पर और ना ही ढाई माह तक। चार मई को दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने की घटना थोउबाल जिले में हुई थी। इस मामले में 18 मई को थाने में शिकायत की गई और मुकदमा 21 मई को दर्ज किया गया। फिर भी पुलिस ने किसी आरोपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसका वीडियो 19 जुलाई को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो वायरल होने पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया और केंद्र व मणिपुर सरकार से जवाब देने को कहा। साथ ही कहा कि यदि आप कुछ नहीं कर सकते तो हम करेंगे। इसके बाद 20 मई को पीएम मोदी ने भी चुप्पी तोड़ी और घटना की निंदा की। वहीं, सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद 20 मई को आनन फानन पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया। उसी दिन चार लोगों को गिरफ्तार किया गया। बताया जा रहा है कि अब तक 5 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मणिपुर में 3 मई से 28 जून तक 5,960 एफआईआर दर्ज हुईं। इनमें से 1,771 केस जीरो FIR के रूप में दर्ज हुए। इनमें से एक तिहाई मामले महिला उत्पीड़न से जुड़े हुए थे। NCRB के आंकड़ों के अनुसार, मणिपुर में 2019 में 2,830, 2020 में 2,349 और 2021 में 2,484 FIR ही दर्ज हुई थीं। वहीं, इस साल मई-जून में ही करीब 6 हजार मामले दर्ज हो गए। राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने खुद माना है कि हिंसा के दौरान राज्य के विभिन्न थानों में हजारों FIR दर्ज हुई हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जातीय हिंसा की वजह से लोग FIR दर्ज कराने के लिए एक-दूसरे के इलाके में नहीं जा रहे। जीरो FIR दिल्ली, आइजोल और गुवाहाटी में भी दर्ज हो रही हैं। शनिवार को दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल मणिपुर पहुंचीं। एयरपोर्ट पहुंचते ही उन्होंने कहा- वह सीएम बीरेन सिंह से मिलने आई हैं। मिजो जनजाति कुकी के काफी करीब मिजोरम राज्य में रहने वाली मिजो जनजाति का कुकी-जोमी समुदाय से ऐतिहासिक तौर पर एक भावनात्मक लगाव रहा है। मणिपुर में जिस तरह से हालात बदल रहे हैं उसकी वजह से दूसरे राज्यों में रहने वाले मैतेई समुदाय की मुश्किलें बढ़ रही हैं। मणिपुर में रहने वाले अब तक 12 हजार से ज्यादा कुकी समुदाय के लोगों को मिजोरम राज्य में शरण मिली है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
22 जुलाई को भी हुई हिंसा
शनिवार (22 जुलाई) को चुराचांदपुर और इंफाल के पास मैतेई और कुकी समुदाय के बीच रात भर फायरिंग हुई। बिष्णुपुर के थोरबुंग में भीड़ ने एक स्कूल और कई घरों में आग लगा दी। इस दौरान ऑटोमैटिक राइफल्स, पॉम्पी गन्स, विस्फोटकों से हमला किया गया। मौके पर CRPF, BSF और असम रायफल के जवान तैनात हैं। रविवार को भी थोरबुंग, कांगवाय के अंदरूनी इलाकों में फायरिंग हुई थी।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।