पूर्व सीएम त्रिवेंद्र से जुड़े प्रकरण में एलएलपी वापस लेने के निर्णय से पलटी सरकार, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा-बीजेपी पूर्व सीएम के साथ

इस मामले को लेकर विपक्ष ने सरकार व भाजपा संगठन की घेराबंदी शुरू कर दी थी। सूत्रों के मुताबिक भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व में भी मामले का संज्ञान लिया। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के दिल्ली दौरे को भी इससे जोड़कर देखा गया। मामले को तूल पकड़ता देख बड़ा निर्णय लिया है। सरकार ने इस पत्र को निरस्त कर दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दरअसल, हाईकोर्ट ने 27 अक्टूबर 2020 को उमेश कुमार शर्मा व अन्य मामले में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के विरुद्ध भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआइ जांच का आदेश दिया था। प्रदेश सरकार ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। तब से यह वाद सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। इस बीच बीती 26 सितंबर को प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड बनाम उमेश कुमार शर्मा व अन्य से संबंधित वाद को वापस लेने का निर्णय लिया। उमेश वर्तमान में हरिद्वार जिले की खानपुर सीट से निर्दलीय विधायक हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस संबंध में गृह विभाग से पत्र भी जारी किया गया। इस पर सुप्रीम कोर्ट में वाद वापस लेने की कवायद शुरू हुई। साथ ही ये राजनीतिक मुद्दा बनने लगा। ऐसे में अब सरकार ने इस पत्र को निरस्त करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में उप सचिव गृह अखिलेश मिश्रा की ओर से सुप्रीम कोर्ट में तैनात एडवोकेट आन रिकार्ड वंशजा शुक्ला को पत्र लिखकर वाद वापस लिए जाने संबंधी पत्र को निरस्त करने की जानकारी दी है। इसके साथ ही शासन ने उनसे इस वाद पर पूर्व की भांति आवश्यक कार्यवाही करने को कहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भाजपा एकजुट और पूर्व सीएम के साथ खड़ी
उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि पार्टी पूरी तरह से एकजुट और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत पार्टी के सम्मानित और वरिष्ठ नेता है लिहाजा कांग्रेस को किसी मामले में अन्यथा नही लेना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भट्ट ने कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट से कोई एसएलपी वापस नही ली गयी है। हालांकि यह मामला मुख्यमंत्री और सरकार से संबंधित होने के कारण इस पर अधिकृत जानकारी सरकार ही दे सकती है। उन्होंने कांग्रेस को नसीहत देते हुए कहा कि किसी भी जानकारी के पुख्ता होने से पहले कांग्रेस तिल का ताड़ बनाने और दुष्प्रचार से बाज आये।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।