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August 7, 2025

उत्तराखंड में चारधाम यात्रियों की संख्या पर सरकार फैला रही भ्रम, इसी साल 275 गंवा चुके हैं जानः सूर्यकांत धस्माना

उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन एवं प्रशासन सूर्यकांत धस्माना ने चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को लेकर सरकार की नीति पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रियों की संख्या को लेकर सरकार भ्रम की स्थिति पैदा कर रही है। यात्रा के दौरान हादसों से सरकार को सबक लेकर उसी आधार पर तैयारी करनी चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

देहरादून में कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की धामी सरकार आगामी चार धाम यात्रा पर भ्रम की स्थिति में है। एक तरफ यात्रियों का ऑनलाइन व ऑफ लाइन पंजीकरण की बात कर रही है, दूसरी तरफ सरकार कह रही है कि जितने भी यात्री पंजीकृत हों या गैर पंजीकृत सभी को यात्रा की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था से यात्रा के दौरान भरी अव्यवस्था फैलने की आशंका है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि यात्रा शुरू होने में मात्र दस दिन रह गए हैं, लेकिन सरकार के पास केवल बड़े बड़े दावों का पिटारा है। यात्रा को निर्विघ्न पूरी करवाने की ठोस योजना व व्यवस्था का अभाव है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि सरकार के पर्यटन व तीर्थाटन मंत्री को आईआईएम रोहतक की उस रिपोर्ट की जानकारी हो नहीं है, जिसमें यात्रा वाले शहरों की भार वहन क्षमता का विश्लेषण व ब्यौरा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्य सचिव इस रिपोर्ट के आधार पर यात्रा से संबंधित अधिकारियों व जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर चुके हैं। सरकार के मंत्री की ओर से असीमित यात्रियों को निमंत्रण देने से यात्रा में भीड़ प्रबंधन फेल होने की संभावना है। ऐसा पिछले वर्ष देखा गया। जब भीड़ ने अनेक स्थानों पर पुलिस के बैरिकेडिंग उखाड़ कर फैंक दिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कांग्रेस नेता धस्माना ने कहा कि चारधाम यात्रा करोड़ों सनातनियों की आस्था विश्वास के साथ साथ उत्तराखंड की लाइफ लाइन है। इससे लाखों लोगों की रोटी रोज़ी जुड़ी है। इसलिए यात्रा की सफलता व निर्विघ्न संपन्न होना आवश्यक है। यात्रा में आने वाले यात्रियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य, रहने और भोजन के साथ ही दर्शन की उचित व्यवस्था सरकार की जिम्मेदारी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

धस्माना ने कहा कि पिछले आठ वर्षों का यह अनुभव रहा है कि सरकार दावे बड़े बड़े करती है, किन्तु व्यवस्थाओं में हमेशा फिसड्डी साबित होती है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण पिछले वर्ष केदार घाटी में 30 जुलाई को आई आपदा है। उस दौरान पूरी यात्रा प्रभावित हुई और यात्रा समाप्त होने तक सामान्य स्थिति बहाल नहीं हो पाई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि यमुनोत्री व बदरीनाथ रूट में भी पिछले वर्ष यात्रा बाधित रही। सड़क सुरक्षा के मामले में भी सरकार की तैयारी लचर है। पिछले पांच वर्षों में औसतन हर साल सड़क दुर्घटनाओं में एक हजार लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हुई और डेढ़ हजार लोग हर साल घायल हुए। इस वर्ष पहली तिमाही खत्म होने से पहले ही सड़क दुर्घटनाओं में राज्य में 275 लोग मौत के मुंह में समा गए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि राज्य की सरकार को अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए राज्य में आने वाले चार धाम यात्रियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य, रहने, भोजन व दर्शन की समुचित व्यवस्था करनी चाहिए और हर हाल में यात्रा रूटों व शहरों की भार वहन क्षमता का पालन सख्ती से करना चाहिए। प्रेस वार्ता में प्रदेश प्रवक्ता डॉक्टर प्रतिमा सिंह, प्रदेश अध्यक्ष के मीडिया सलाहकार सरदार अमरजीत सिंह व श्रम प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश कौशल उपस्थित रहे।
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Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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