जिसे सरकार ने नहीं करने दी सिनथेटिक ट्रेक में प्रैक्टिस, उसी अंकिता ने जीता कांस्य, अब 1500 मीटर पर निगाह
उत्तराखंड में सरकार के बड़े बड़े दावे। हकीकत शून्य। सिनथेटिक ट्रेक में प्रैक्टिस के लिए महिला खिलाड़ी को अनुमति नहीं दी गई। वह उबड़खाबड़ खेत में पैक्टिस करती रही। मंत्री से लेकर अधिकारियों तक से गुहार लगाई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। आज उसी उत्तराखंड की बेटी अंकिता ने 60वीं नेशनल इंटर स्टेट सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप 5000 मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीत कर उत्तराखंड का नाम रोशन किया। अब इस खिलाड़ी के 1500 मीटर के इवेंट पर सबकी निगाह है। अब अंकिता के साथ फोटो खिंचवाने के लिए उन लोगों में भी होड़ मचेगी, जो उसकी गुहार को नजर अंदाज करते रहे।राज्य एथलेटिक्स संघ के सचिव केजेएस कलसी ने बताया कि एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के तत्वावधान में आज 25 जून से 29 जून तक एनआईएस पटियाला में 60वीं नेशनल इंटर स्टेट एथलेटिक्स प्रतियोगिता शुरू हो गई है। इस प्रतियोगिता का दूसरा इवेंट 5000 मीटर दौड़ था। सिनियर वर्ग में उत्तराखंड की अंकिता ध्यानी ने 16:58:07 का समय लेकर प्रतियोगिता में तीसरा स्थान प्राप्त किया। पहले स्थान पर उत्तर प्रदेश की प्राकुल चौधरी रही, वहीं, दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र की कोमल चंद्रकांत जग रही।
उत्तराखंड एथलेटिक्स के सचिव केजेएस कलसी व इंडियन टीम के कोच व ओलंपियन सुरेंद्र भंडारी ने कहा कि अंकिता ने बेहतर प्रदर्शन किया है। इस प्रदर्शन पर खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि अंकिता ध्यानी को अगर सिंथेटिक ट्रैक पर प्रैक्टिस करने को मिला होता तो शायद उसकी परफॉर्मेंस और भी बहुत अच्छी हो सकती थी। उन्होंने कहा कि अब 1500 मीटर के इवेंट पर उनसे और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। ये प्रतियोगिता 28 जून की शाम को होगी। कलसी इस प्रतियोगिता में थ्रो इवेंट में रेफरी की भूमिका भी निभा रहे हैं।
खेतों में दोड़कर कर रही थी तैयारी
करीब चार महीने पहले जूनियर नेशनल में नए राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीतकर राज्य का नाम रोशन करने वालीं अंकिता ध्यानी सड़क और खेतों में दौड़कर ओलंपिक क्वालिफाइंग की तैयारी कर रही हैं। मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल निवासी अंकिता ने स्पोर्ट्स कॉलेज में प्रैक्टिस की अनुमति मांगी, लेकिन नहीं मिली। राज्य एथलेटिक्स संघ ने अंकिता को देहरादून के रायपुर स्पोर्ट्स कॉलेज में प्रैक्टिस के लिए सिंथेटिक ट्रैक पर अनुमति देने के लिए मंत्री से लेकर अधिकारियों तक से गुहार लगाई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

राज्य में खेलों और खिलाड़ियों को लेकर सिस्टम कितना लापरवाह है, अंकिता की स्थिति को देखकर इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। अंकिता ने पिछले दो वर्षों के दौरान 1500 मीटर और पांच हजार मीटर की स्पर्द्धाओं में शानदार प्रदर्शन किया है। खेलो इंडिया में उन्होंने लगातार दो साल तक इन दोनों प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक जीते। उन्होंने फरवरी 2021 में गुवाहाटी में हुए जूनियर नेशनल में दो स्वर्ण पदक अपने नाम किए।
जनवरी 2021 में भोपाल में आयोजित जूनियर फेडरेशन कप और जनवरी 2020 में गुवाहाटी में आयोजित खेलो इंडिया यूथ गेम्स में भी अंकिता ने नए मीट रिकॉर्ड के साथ दो-दो स्वर्ण पदक जीते। अंकिता को जूनियर लेवल पर बेहद प्रतिभावान खिलाड़ी माना जा रहा है।




