जौनसार बावर में जमीन की बंदरबांट का खेल, हाईकोर्ट हुआ सख्त, 49 लीजधारकों को नोटिस
अब जिला प्रशासन ने इन लीजधारकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सरकार की ओर से हाई कोर्ट में इस कार्रवाई का जवाब दाखिल किया गया है। कोर्ट की सख्ती के बाद लीजधारकों में खलबली मची है। यहां संविधान में एससी-एसटी के लिए किए गए विशेष प्रविधान का उल्लंघन कर जमीनों की बंदरबांट कर दी गई।
उत्तर प्रदेश के 1950 के भू कानून के अनुसार एससी-एसटी की भूमि न खरीदी जा सकती है और न ही लीज पर दी जा सकती है। इसके लिए जिलाधिकारी की अनुमति जरूरी है। जब चकाराता क्षेत्र में तमाम उद्यमियों व रसूखदारों को भूमि नहीं मिली तो उन्होंने मनमाने तरीके इजाद कर लिए। हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में याचिकाकर्ता के अनुसार संविधान के अनुच्छेद-46 में एससी-एसटी को विशेष दर्जा प्राप्त है, मगर चकराता क्षेत्र में तमाम उद्योगों को मनमाने तरीके से भूमि लीज पर दी गई है। जिसमें 30 साल की लीज देने के बाद ऑटोमेटिक रिन्यूवल का विवादित प्रविधान भी शामिल है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।