विश्वप्रसिद्ध केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट हुए बंद, अब यहां होगी शीतकालीन पूजा
केदारनाथ धाम के कपाट बंद करने के अवसर पर सेना की 11 मराठा लाईट इ़फ्रंट्री रूद्रप्रयाग के बैंड की भक्तिमय धुनों तथा बाबा केदार की जय उदघोष से केदारनाथ धाम गुंजायमान रहा। इस अवसर पर ढाई हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी बने। पुजारी टी गंगाधर लिंग ने भगवान केदारनाथ के स्यंभू ज्योर्तिलिंग को श्रृंगार रूप से समाधि रूप दिया गया ज्योर्तिलिंग को बाघंबर, भृंगराज फूल,भस्म, स्थानीय शुष्क फूलों- पत्तों आदि से ढ़क दिया गया। इसके साथ ही भकुंट भैरवनाथ के आह्वान के साथ ही गर्भगृह तथा मुख्य द्वार को जिला प्रशासन की मौजूदगी में बंद किया गया। इसके साथ ही पूरब द्वार को भी सीलबंद किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गुरुवार को सुबह चार बजे से केदारनाथ धाम में भगवान का अभिषेक किया गया। जिसके बाद उन्हें समाधि दी गई। भगवान केदार की डोली मंदिर के बाहर आई और भक्तों ने भव्य दर्शन दिए। इसके बाद पौराणिक विधिविधान के साथ मंदिर के मुख्य कपाट के साथ ही पीछ के कपाट को बंद कर सील कर दिए गए। धाम से बाबा की चल विग्रह डोली अपने शीतकालीन स्थान के लिए रवाना हो गई। इस दौरान धाम में बाबा केदार के दर्शनों को भक्तों का तांता लगा रहा। केदारनाथ धाम में अब तक 15.55 लाख से अधिक यात्री पहुंचे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गुरुवार प्रात: साढे आठ बजे श्री केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली प्रथम पड़ाव रामपुर के लिए रवाना हो गई। 28 अक्टूबर को पंचमुखी डोली द्वितीय पड़ाव श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी। 29 अक्टूबर को पंचमुखी डोली शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। यहीं भोले बाबा की शीतकालीन पूजा होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वहीं, यमुनोत्री धाम के कपाट आज गुरुवार को भैया दूज पर्व पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। यमुनोत्री धाम के कपाट दोपहर 12 बजकर नौ मिनट पूजा-अर्चना व विधि विधान के साथ बंद किए गए। इस अवसर पर खरसाली से शनि महाराज की डोली अपनी बहन यमुना को मिलने और लेने के लिए यमुनोत्री धाम पहुंचाई गई। इस दौरान तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं की भीड़ भी उमड़ी करीब 2000 श्रद्धालु का कपाट बंद होने के अवसर पर यमुनोत्री धाम में मौजूद रहे। कपाट बंदी के बाद मां यमुना की डोली खरशाली के लिए रवाना हो गई। इस वर्ष यमुनोत्री धाम में 4.78 लाख यात्री पहुंचे। एक दिन पहले गंगोत्री धाम के कपाट भी बंद कर दिए गए थे। वहीं, बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को बंद होंगे। इसके साथ ही चारधाम यात्रा का समापन हो जाएगा। वहीं, अब शीतकालीन पूजा इन धामों के शीतकालीन पड़ावों पर होगी।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।