छह मई को खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट, जानिए अन्य धामों के कपाट खुलने की तिथि
महा शिवरात्रि के दिन केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय कर दी गई। केदारनाथ धाम के कपाट छह मई को सुबह 6 बजकर 25 मिनट पर खोले जाएंगे।
महा शिवरात्रि के दिन केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय कर दी गई। केदारनाथ धाम के कपाट छह मई को सुबह 6 बजकर 25 मिनट पर खोले जाएंगे। आज महाशिवरात्रि पर शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में 12वें ज्योर्तिलिंग में शामिल भगवान केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि तय की गई। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के दिन खुलते हैं। ऐसे मे इस बार तीन मई को अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे। वहीं, बदरीनाथ धाम के कपाट आठ मई को खोले जाएंगे। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा आरंभ हो जाएगी। साथ ही आगामी छह माह तक इन धामों में ही पूजा अर्चना होगी।शीतकाल के छह महीने कपाट बंद होने के बाद केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि निश्चित कर दी गई है। केदारनाथ के कपाट 6 मई को प्रातः 6.25 पर अमृत बेला में खुलेंगे। ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में पौराणिक परंपराओं के अनुसार शिवरात्रि के पर्व पर केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि वैदिक पूजा अर्चना के साथ ही पारंपरिक रीति रिवाज के तहत घोषित की गई। हक हकूकधारी, वेदपाठी, मंदिर समिति के पदाधिकारी, तीर्थ पुरोहित की मौजूदगी में पंचांग गणना के अनुसार तिथि की घोषणा की गई।
दो मई को ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से बाबा केदार की डोली केदारनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेगी। 2 मई को डोली गुप्तकाशी, 3 मई को फाटा, 4 मई को गौरीकुंड वह रात्रि विश्राम के बाद 5 मई को केदारनाथ धाम पहुंचेगी। 6 मई को सुबह 6 बजकर 25 पर कपाट आम भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग, केदारनाथ के धर्माधिकारी ओमकारेश्वर शुक्ला, पुजारी व वेदपाठीगणों द्वारा पंचांग गणना के बाद कपाट खुलने की तिथि व मुहूर्त निश्चित किया गया।
इस अवसर पर श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, उपाध्यक्ष किशोर पंवार, सदस्य आशुतोष डिमरी, श्रीनिवास पोस्ती, भास्कर डिमरी, मंदिर समिति के अधिकारी गण गिरीश चंद्र देवली राजकुमार नौटियाल, आरसी तिवारी, राकेश सेमवाल, डा हरीश गौड़, केदारनाथ के विधायक मनोज रावत आदि मौजूद थे।
आठ मई को खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट, गंगोत्री व यमुनोत्री के तीन को
आठ मई की सुबह सवा छह बजे ब्रह्म बेला में भगवान बद्री विशाल के कपाट खुलेंगे। इसकी तिथि नरेंद्रनगर स्थित राज दरबार में वसंत पंचमी के दिन तय की गई थी। धाम की पूजा में 6 माह तक अभिषेक पूजा में प्रयुक्त होने वाले तिलों के तेल को पीरोंने की तिथि 22 अप्रैल निश्चित की गई है। इसके बाद गाडू घड़ी को रवाना किया जाएगा। भगवान बद्री विशाल का तेल कलश गाडू घड़ा बद्रीनाथ धाम के पुजारी समुदाय डिमरी धार्मिक पंचायत के प्रतिनिधियों की ओर से नरेंद्र नगर राजमहल पहुंचा दिया गया है। पूजा कार्य पंडित उनियाल ने संपन्न किया। वहीं, अक्षय तृतीया के दिन तीन मई को गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे।





