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April 15, 2025

बात बात पर गुस्सा और जिद्द करने लगता है बच्चा, अपनाएं ये तरीके, आदत में आएगा बदलाव

कई बार छोटे बच्चे बात बात पर गुस्सा करने लगते हैं। साथ ही वे जिद्दी भी होने लगते हैं। ऐसे में माता पिता जिद्दी बच्चों की हरकत से परेशान हो उठते हैं। कई बार तो गुस्से में वे बच्चों की पिटाई भी कर डालते हैं। ऐसी गलती कभी ना करें। नहीं हो बच्चा और जिद्दी होता चला जाएगा। यदि बच्चे के गुस्सैल और जिद्दी स्वभाव को समय रहते कंट्रोल नहीं किया, तो आगे चलकर उसकी पर्सनालिटी पर बुरा असर पड़ सकता है। ऐसे में हम कुछ ऐसी पैरेंटिंग टिप्स के बारे में बताएंगे, जिन्हें फॉलो कर आप अपने बच्चे के गुस्सैल और जिद्दी स्वभाव को इम्प्रूव कर सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

नाराजगी जाहिर करें
बच्चा जब भी अपनी बात मनवाने के लिए जिद करे या फिर गुस्सा दिखाए तो आपको अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए सही तरीके का इस्तेमाल करना चाहिए। नाराजगी दिखाने के लिए आपको बच्चे के ऊपर चिल्लाने की जगह उनसे कुछ देर के लिए बातचीत करना बंद कर देना चाहिए। जब बच्चे को अपनी गलती का एहसास होगा, वो खुद-ब-खुद आपसे माफी मांगने के लिए आएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बच्चों के साथ बहस न करें
जिद्दी बच्चे हमेशा बहस का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं। इसलिए, उन्हें वह अवसर न दें। बच्चे को जो कुछ भी कहना है उसे सुनें और उसे तर्क के बजाय बातचीत में बदल दें। जब उन्हें यह दिखता है कि आप उनके पक्ष को सुनने के लिए तैयार हैं, तो बच्चे भी आपकी बात को सुनते और समझते हैं। हमेशा बच्चों को यह एहसास करवाना जरूरी है कि वे आपसे हर तरह की बात कर सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अच्छी तरह से समझाएं
हमेशा बच्चे की इच्छा को दबा देना भी ठीक नहीं है। जब आप बच्चे की जिद पूरी नहीं कर रहे हैं, तब आपको उन्हें इसके पीछे की वजह के बारे में जरूर बताना चाहिए। वहीं, कभी-कभी आपको अपने बच्चे की इच्छा पूरी भी करनी चाहिए। क्योंकि, हमेशा उनकी ख्वाहिश को दबा देना भी ठीक नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

एक कनेक्शन मेंटेन करें
यदि आपका बच्चा जिद्दी है तो उन्हें ऐसा कुछ करने के लिए मजबूर न करें जो वह नहीं करना चाहते हैं। यह केवल उन्हें और ज्यादा उकसाता है और वे ठीक आपके विपरीत कार्य करते हैं। इसलिए यदि आप चाहते हैं कि आपका बच्चा टेलीविजन देखना बंद कर दे और इसके बजाय होमवर्क करे, तो उसके साथ कुछ देर टीवी देखने की कोशिश करें। फिर उसे समझाएं और होमवर्क के लिए प्रेरित करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पॉजिटिव अप्रोच अपनाएं
बच्चों के गुस्सैल और जिद्दी बर्ताव पर काबू पाने के लिए आपको पॉजिटिव अप्रोच अपनाने की कोशिश करनी चाहिए। बच्चे को इस तरह के नेचर के साइड इफेक्ट्स के बारे में बताएं। जब बच्चा अपने बर्ताव में सुधार लाने की कोशिश करे, तब आपको उसकी तारीफ भी करनी चाहिए। इसके अलावा आपको बच्चों को शांति से समझाना चाहिए क्योंकि अगर आप उनके ऊपर गुस्सा करने लग जाएंगे, तो उनकी जिद बढ़ती जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बच्चों को ऑप्शन देना जरूरी
एक जिद्दी बच्चे के सामने यदि आप अपनी बात को सीधे रखने की कोशिश करोगे तो हो सकता है वे आपकी बात को तवज्जो न दें। इसके बजाय उनके सामने हेल्दी विकल्प रखें। क्योंकि इससे उन्हें ऐसा महसूस होता है कि उनका अपने जीवन पर नियंत्रण है और वे स्वतंत्र रूप से यह तय कर सकते हैं की वे क्या करना चाहते हैं। बच्चे भ्रमित न हो जाएं इसके लिए विकल्पों को सीमित रखें। केवल दो या तीन विकल्प पेश करें। उदाहरण के लिए यदि उन्हें अपने कमरे की सफाई करनी है, तो उनसे पूछें कि वे पहले बेड साफ करेंगे या बुक सेल्फ। सीधा आर्डर न दें कि जाओ अपना कमरा साफ करो। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

नेगोशिएट करना सीखें
जिद्दी बच्चे जब कुछ मांगते हैं और आप सीधे इंकार करोगे तो इस बात को वे एक्सेप्ट नहीं कर पाते हैं। मना की गई चीज के लिए अधिक जिद्द करते हैं। इसलिए घर मे कानून बनाने के बजाय उनसे बातचीत करने की कोशिश करें। उदाहरण के लिए, यदि आपका बच्चा सोते वक्त 2 कहानियों को सुनने की जिद्द करता है, तो उनसे बातचीत करें अपनी बात को उनपर थोपने की जगह उनसे कहें कि आज रात के लिए एक कहानी और कल के लिए एक कहानी चुने। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

रूटीन स्थापित करें
हर दिन की दिनचर्या के साथ-साथ साप्ताहिक दिनचर्या तय करना भी बहुत जरूरी है। यह आपके बच्चे के व्यवहार के साथ-साथ स्कूल में प्रदर्शन को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। सोने का समय तय करें और यदि बच्चा उस वक़्त नहीं सो रहा तो उनके साथ कुछ देर लेट जाएं। ताकि उन्हें ये न लगे कि नियम केवल उनके लिए ही है। बच्चों के लिए नींद पूरी होना बेहद जरूरी है। नींद की कमी और थके होने के कारण तीन से बारह वर्ष की आयु के बच्चों में व्यवहार संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस तरह की पैरेंटिंग टिप्स को फॉलो कर आप अपने बच्चे की पर्सनालिटी को काफी हद तक सुधार सकते हैं। कुछ ही महीनों के अंदर आपको अपने बच्चे के जिद्दी और गुस्सैल स्वभाव में पॉजिटिस अंतर महसूस होने लग जाएगा।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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