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October 1, 2024

जम्मू कश्मीर में सेना पर आतंकी हमला, पांच जवान शहीद, दो घायल, हथियार लूटे

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भले ही केंद्र सरकार ने नोटबंदी और धारा 370 हटाने को लेकर आतंकवाद की कमर तोड़ने के दावे किए थे, लेकिन हकीकत उलट है। जम्मू कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं पर आज तक अंकुश नहीं लगाया जा सका है। जम्मू-कश्मीर के राजौरी में गुरुवार 21 दिसंबर को आतंकवादियों ने सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर हमला किया। दोपहर बाद करीब 3:45 बजे हुए हमले में 5 जवान शहीद हो गए। हादसे में 2 जवान घायल भी हुए हैं। फिलहाल ऑपरेशन जारी है। सेना के अधिकारियों के मुताबिक, जवानों और आतंकियों के बीच आमने-सामने लड़ाई हुई। शहीद हुए सैनिकों में दो के शव क्षत-विक्षत मिले। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि उनके बीच हाथापाई भी हुई। साथ ही यह भी संभावना है कि आतंकियों ने सैनिकों को शहीद करके उनके हथियार लूट लिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सेना के वाहनों पर घात लगाकर किया हमला
गुरुवार दोपहर 3.45 बजे राजौरी के पुंछ क्षेत्र में डेरा की गली से गुजर रहे सेना के दो वाहनों पर आतंकवादियों की ओर से घात लगाकर हमला किया गया। आतंकियों की ओर से गोलीबारी किए जाने के बाद मुठभेड़ शुरू हुई। हलांकि, सेना बुधवार रात से ही डीकेजा क्षेत्र के डेरा की गली में और उसके आसपास सर्च ऑपरेशन चला रही थी। सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट ने ली जिम्‍मेदारी
अधिकारियों ने बताया कि सैन्यकर्मियों को एक घेराबंदी और तलाशी अभियान स्थल पर ले जा रहे वाहनों पर सुरनकोट थाना के अंतर्गत आने वाले डेरा की गली और बुफलियाज के बीच धत्यार मोड़ पर हमला किया गया। पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की शाखा पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ) ने घात लगाकर किए गए इस हमले की जिम्मेदारी ली है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

जम्‍मू-कश्‍मीर में हाल ही में हुए हमले
इस हमले से कुछ ही सप्ताह पहले पास के राजौरी जिले में बाजीमाल वन क्षेत्र के धर्मसाल बेल्ट में गोलीबारी के दौरान दो कैप्टन सहित पांच सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। राजौरी जिले में सुरक्षा बलों के साथ नवंबर में इस मुठभेड़ में अफगानिस्तान में प्रशिक्षित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के शीर्ष कमांडर क्वारी समेत दो आतंकवादी मारे गये थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

राजौरी और पुंछ जिलों की सीमा पर स्थित ढेरा की गली और बुफलियाज के बीच का इलाका घने जंगलों वाला है और यह चमरेर जंगल और फिर भाटा धुरियन जंगल की ओर जाता है, जहां इस साल 20 अप्रैल को सेना के एक वाहन पर घात लगाकर किए गए हमले में पांच सैनिक शहीद हो गए थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इसके बाद मई में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान चमरेर जंगल में सेना के पांच और जवान शहीद हो गए थे और मेजर रैंक का एक अधिकारी घायल हो गया था। इस अभियान में एक विदेशी आतंकवादी भी मारा गया था। राजौरी, पुंछ और रियासी जिलों में इस साल मुठभेड़ों में अब तक 19 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं और 28 आतंकवादी मारे गए हैं। इन मुठभेड़ों में कुल 54 लोग मारे गए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इससे पहले अक्टूबर 2021 में वन क्षेत्र में आतंकवादियों के दो अलग-अलग हमलों में नौ सैनिक शहीद हो गए थे। चमरेर में 11 अक्टूबर को एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) सहित पांच सैन्यकर्मी शहीद हुए थे, जबकि 14 अक्टूबर को एक निकटवर्ती जंगल में एक जेसीओ और तीन सैनिकों ने जान गंवाई थी।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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