Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

August 7, 2025

शिक्षक राजेंद्र जोशी की कविता- मौसम पहाड़ों का

अनेकों रंग दिखलाता है मौसम इन पहाड़ों का।
कभी लगती है तीखी धूप कभी एहसास जाड़ों का।।
कभी चलती है पवन मंद कभी तूफान आते हैं।
होगी कब कहां बारिश कभी नहीं जान पाते हैं।।
घुमड़ते हैं कभी बादल कभी बिजली चमकती है।
घिर जाए कभी कोहरा तो फिर रफ्तार थमती है।।
कभी फूटे नई कोपल कहीं पर फूल खिलते हैं।
कभी दिखती है हरियाली यहां पतझड़ भी मिलते हैं।।
यहां भंवरे की गुनगुन है कहीं कोयल भी गाती है।
वादियां देखकर गहरी मन की उमंगे जाग जाती है।।
सुबह और शाम का सूरज नया उत्साह भरता है।
मौसम इन पहाड़ों का घड़ी भर में बदलता है।।
कवि का परिचय
आर पी जोशी “उत्तराखंडी”
अनुदेशक
राजकीय आईटीआई सोमेश्वर, हाल खूंट जनपद अल्मोड़ा
मूल निवासी – तल्ली मिरई, द्वाराहाट, जनपद अल्मोड़ा, उत्तराखंड।

Bhanu Prakash

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *