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September 12, 2025

बचा लो पालतू कुत्ते और बिल्लियों को, यहां शेर भी हो गए डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित, सांस लेने में हो रही समस्या

जानवर पालने वाले खुद के साथ ही अपने जानवरों को भी कोरोना से बचाव के लिए सतर्क रहें। यदि आप संक्रमित हैं तो उनके पास मास्क व दस्ताने आदि पहनकर ही जाएं। क्योंकि अब अध्ययन तो रही कह रहा है कि जानवर भी कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं।

जानवर पालने वाले खुद के साथ ही अपने जानवरों को भी कोरोना से बचाव के लिए सतर्क रहें। यदि आप संक्रमित हैं तो उनके पास मास्क व दस्ताने आदि पहनकर ही जाएं। क्योंकि अब अध्ययन तो रही कह रहा है कि जानवर भी कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं। ऐसे मामले साउथ अफ्रीका के एक निजी चिड़ियाघर में सामने आया। यहां के शेर कोरोना संक्रमित हो गए। उनमें डेल्ट बैरिएंट के लक्षण निकले। इन इन शेरों में सांस लेने में समस्या हो रही है। साथ ही नाक बहने और सूखी खांसी जैसे लक्षण भी दिखे हैं।
दक्षिण अफ्रीका के निजी चिड़ियाघर के पशु संचालक कोरना संक्रमित पाए गए। इनमें किसी में भी कोविड-19 के कोई लक्षण नहीं थे। इन संचालकों से वहां के शेर कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप से संक्रमित हो गए। इन शेरों में सांस लेने में समस्या, नाक बहना और सूखी खांसी जैसे लक्षण भी दिखे। प्रिटोरिया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के एक दल की ओर से हाल ही में किए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है।
पत्रिका ‘वायरसेज’ में हाल ही में प्रकाशित इस अध्ययन में अनुसंधानकर्ताओं ने लोगों से आग्रह किया है कि अगर वे कोरोना वायरस से संक्रमित हैं, तो अपनी पालतू बिल्लियों और कुत्तों के संक्रमित होने की आशंका के बारे में सतर्क रहें। इस दल का नेतृत्व यूनिवर्सिटी के मेडिकल वायरोलॉजी विभाग में अर्बो-एंड रेस्पिरेटरी वायरस कार्यक्रम, जूनोटिक की प्रमुख प्रोफेसर मारिएटजी वेंटर और पशु चिकित्सा विज्ञान संकाय में वन्यजीव स्वास्थ्य की एसोसिएट प्रोफेसर काटजा कोप्पेल ने किया। उन्होंने 2021 के अंत में दक्षिण अफ्रीका में कोविड-19 वैश्विक महामारी की तीसरी लहर के दौरान चिड़ियाघर में तीन बीमार शेरों पर एक अध्ययन किया।
विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा कि ट्रांसडिसिप्लिनरी (अंतःविषय) वैज्ञानिकों के दल ने पाया कि गौतेंग (प्रांत) के एक निजी चिड़ियाघर में ऐसे संक्रमित पशु संचालक, जिनमें कोविड-19 के कोई लक्षण नहीं थे, उनसे वहां के शेर कोरोना वायरस के ‘डेल्टा’ स्वरूप से संक्रमित हो गए। जानवरों के ‘डेल्टा’ स्वरूप से संक्रमित होने से एक गंभीर बीमारी का जन्म हो सकता है। यह जानवर बीमार होने के सात सप्ताह बाद तक पीसीआर जांच में संक्रमित पाए गए।
वैज्ञानिकों ने कहा कि उनके लंबे समय तक संक्रमित रहने से खतरा बढ़ गया था और इसलिए संक्रमित ना होने की पुष्टि होने तक उन्हें पृथक रखा गया था। कोप्पेल ने कहा कि शेरों को 15 दिन तक सांस लेने में समस्या, नाक बहना और सूखी खांसी जैसे लक्षण थे। इन पर कड़ी नजर रखी गई और 15 से 25 दिन में जाकर तीन शेर पूरी तरह ठीक हुए। सभी कर्मचारियों और शेरों के नमूनों का जीनोम अनुक्रमण किया गया था, जिसमें उनके ‘डेल्टा’ स्वरूप से संक्रमित होने की पुष्टि हुई। गौरतलब है कि करीब एक साल पहले चिड़ियाघर में दो कूगर (प्यूमा) भी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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