खुशियों के अक्षत डाल गया तेईस का साल। सपनों का सूरज उगा। हाथों से फ़िर तम चुगा। कमल खिलाकर हर...
Poet
कोलाहल के यहां सब बहरे हैं। दीवारें भी सुन नहीं पाती हैं। बैठकें भी बतिया नहीं पाती हैं। घण्टियों से...
स्वनामधन्य इन्द्रमणि बड़ोनी, लोक संस्कृति के संवाहक थे। टिहरी के अखोड़ी गाँव में, 24 दिसम्बर 1925 को जन्मे थे।। गरीब...
इन्द्रमणि बड़नी जी इना मन्खि कखन देखण, नेता मेरा बड़ोनी जी। अखोड़ी गौं मा जनम लीनि, उत्तराखण्ड का गाँधी जी।...
ले अद्दा त्यारु,अद्दा म्यारु, मिल बाँटी खौंला जमा फण्ड। सरकार तेरी,जनता मेरी, हम चलौंला उत्तराखंड। हम चलौंला उत्तराखंड।। हमन स्वाच...
तानों के तीर तने हुए हैं। ख़तरा ग़ैरो से नहीं, अपनों से है। शिकवा नींदों से नहीं, सपनों से है।...
संसद पर हमला। सुरक्षा का मसला। आशंकित है फ़िर संसद का अमला। सुरक्षा का दावा फ़िर फुस्फुस निकला। संसद तो...
उनसे पराजय सही न जाए। हार का ठीकरा औरों पर। डूब का माजरा छोरों पर। उनसे सच बात कही न...
ज़ख्म नमक छिड़क रहे हैं पहाड़ भी अब दरक रहे हैं। सागर भी अब सरक रहे हैं। ज़ख्मों ने अब...
झूठ है आदमी पनौती है। नाकामी का ठीकरा औरों पर मत फोड़िए। दिलों का बढ़े फ़ासला आज ज़िक्र वो छोड़िए।...