ये आफ़त की बारिश है। ये मौसम की साज़िश है। लगे, अन्नदाताओं से ये इसकी इक रंजिश है। आंखों में...
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गंगा गंगा के घाट पर बैठकर गंगा को निहारते हुए बीत जाता है समय जल्दी जल्दी गंगा की गहराई जितनी...
सरकार क्या, ये भी कोई सरकार है। मुद्दों पर सोई सरकार है। मुहब्बत के देश में नफ़रतें, ये अब तक...
मुझे मेरे हिस्से का आसमान चाहिए। थोड़ी सी जमीं नहीं पूरा जहान चाहिए॥ विश्वाआरा लोपामुद्रा, गार्गी अपाला, विद्योत्तमा की वंशज,...
देश पूरा चरना जुलूस, रैली, प्रदर्शन, धरना। मांगें हमारी मानो वरना ? देश हितों से हमें क्या लेना, हमें तो...
हुई बेईमानों की हार। विजयी हुआ कुलदीप कुमार। मुंह दिखाने लायक वे रहे न पड़ी ऐसी न्याय की मार। आगे...
आदमी परेशान है। काग़ज़ों में अमीर है। आज भी जो फ़कीर है। खलिहान में न धान है। आज रहा न...
मधुमास का आना हुआ। मौसम भी सुहाना हुआ। काला - कलुटा भंवरा भी कलियों का दीवाना हुआ। गुलशन का पत्ता...
उजियारे दिन, काले हो गए। मौसम, बादल वाले हो गए। दीयों का नहीं दोष ज़रा - सा तम के साथ...
मौसम की मार। ग़रीब लाचार। हर दिन पेट सहे भूख़ के वार। मांग जो लाए चार दिन उधार। राह में...