बेटी ब्वे- बुबजी, गुमान हूंद बेटी. द्वी - घरौं की, शान हूंद बेटी.. बोल़द-बच्यांद, खिल-खिलांद, हीरा-मोत्यूं कि, खान हूंद बेटी.....
Poet and litterateur
कबि-कबि कबि-कबि एक-हैंका धोऽर, आंद-जांद रावा. अपड़ि खैरी-खुशि-बिपत, सब्यूं सुणांद रावा.. ज्यू हळ्कु ह्वे जांद, सूणीं-सुणैकी क्वी बात, कबि अपणौं,...
अचकल्यूं (भाग-2) कबी- कबी ता इनु लगद, जीवन ह्वे आसान. सैरू कुटम दगणै चा, हम छवां- बड़ भग्यान.. जमा पूंजिम...
अभी समय है - शरण चले आ ! तू नियामक -शक्तिमान है, अजर अमर प्रभु अविनाशी। नश्वर प्राणी - दुर्बल...