स्वाचा दुन्यां का रंगा- दंगौं म, रंगमत न ह्वावा. अपड़ा ऐथर - पैथर भि, द्यखद रावा.. तुमी छा- जौंन यो...
Garhwali poem
" जीवन जींणा चाह " बरसौं , जीवन जींणा बाद बि,ज्यू की धीत , किलै नी भ्वरदी.रूखू - सूखू ,...
स्वाचा-स्वाचा, भलु-भलु स्वाचा,भलु सोचिक, भलु - ज्यू ह्वे जांद.बगत - बगत, सोची - सोची क -बित्यूं बगत, कबि याद भि...
प्यारू उत्तराखंड " तेरा जिल्लौं से बड़ि छायू , प्यारू उत्तराखंड.बीस साल ह्वीं राज्य बड़्यां , प्यारू उत्तराखंड.. करि आंदोलन...
" अधूरु जीवन " जीवन म सबि धांणी- गांणी , कब ह्वीं पूरी.सच बोन ज्यूकि सोचीं बात, रै जांद अधूरी.....
"इष्ट द्यवतौं बंदना" " दोहे " जख भी रौंला हम सदनि, लिंदवां तुमरू नाम.तुम इष्ट देवता हमरा , बड़ैं -...
अपणु काम अप्फु निभौण अपणा प्रति सजग रौणकामा प्रति तत्पर रौण । खाण - प्योण - स्वस्थ रौणसाफ - सफै...
बजदी बांसुरी ------- बजदी मनम्वोहनि बांसुरी हो ,बजदी मनम्वोहिनि बांसुरी ।धकध्याट करदी हाय जिकूड़ी ,धकध्याट करदी हो ।। अछैगे घाम...