Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

October 14, 2025

Garhwali Ghazal

दग्णु एक भलु दग्णु, मन्खि थैं कख-पौंछै दींद. एक बुरु दग्णु, मन्खि थैं कख- गिरै दींद.. जमीन से जुड़िक-खूब पढिक,अग्नै...

पेट कूणा-कचरा डब्बा नी-यो, यो- त्यारू पेट च. भ्वरद जांणी ये-जो, पेट च-कि इंडियागेट च.. खांणु-खांणा-तीन बग्ता नीम, पुरण्यूंल बड़ै,...

आजादी बड़ि कुर्बन्यूं से मिलीं आजादी, भलिके सम्माऴ देश रक्षा कि खातिर, द्वी कदम चलिके सम्माऴ तिल-मिल नि द्योखु वो...

बढ़दि-घटदि हौंस-रौंस मुंड का बल जल़मि, य ज्वनि बढ़णीं च. खुटौं बटि बुढ़ापा ऐ, जिंदगी- ढऴणीं च.. मुंड-मुक-बरमंड-पैली ऐ ,...

अगोड़ि-पिछोड़ि इन्सान कु नाता-इन्सानियत से, अगोड़ि च. हमरु स्वार्थ-हमरु दुखड़ा, सब पिछोड़ि च.. कबि- नि रैंदू एक जगा, यो- चंचल...

तुम बि हीटा उनै आजा- लोग, भैंडि- आदतौं से- लाचार ह्वी. बात पीछा सब्यूंका, अलग-अलग बिचार ह्वी.. मुख समणि, एक...