Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

October 13, 2025

Garhwali Ghazal

वर्डसप कि दुन्या वर्डसप कि दुन्यम , कतगा बानी-लिख्वार छन. क्वी कविता-कानी-चुटकला, क्वी-गितार छन.. क्वी छुयाळ, क्वी भलि-भलि बतौं का...

मिं पुरणु बग्त छुं एक-हैंका नजरोंम, अबि बि-मिं अकरु छूं. चंदी भौ-मुलौं कबि, अबत-फट्यूं चदरु छूं.. समै का दगड़ि, घटदि-...

पितरौं-श्राद्ध श्राद्ध ऐगे- श्राद्ध ऐगे, बच्चों मेरी- याद ऐगे. चार निसरौ-मेरा नवां, निकाऴि खांदा धरेगे.. सालभर म एक दिन, मेरा...

देस-दुन्या घूमा खूब घूमा-फिरा, देस-दुन्या सब लोग. एक जगा कख टिक्यां रंदी, अब लोग.. पैलि-गौंम बित, कख रैंद छा-एक जगा,...

गाड-गदिनु बसगाऴ- बोगदि गाड, गौंक छाल-छाल. कन करद- स्वीस्याट, गौक छाल- छाल.. गदिनु- बड़ि जांद- गाड, रोलि नी- तरेंदि, बगि...