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December 19, 2024

Brahmin Ashish Upadhyay

मैं भी लिखने लगा अगर प्रेम, स्नेह, श्रृंगार को। तुम बोलो फिर कौन लिखेगा, वीरों के संसार को।1। किसी सुन्दरी...

लिखने को तो मैं भी लिख सकता हूँ सच्ची झूठी कहानी। आओ मैं सुनाता हूँ तुमको हकीक़त अपनी ज़ुबानी।। हमको...

देश का युवा हूँ भविष्य हूँ और बेरोजगार हूँ मैं। न कोई चमचा,न भक्त,न कोई चौकीदार हूँ मैं। देश के...

बलात्कार तुम हो पुरूष तुमको बलात्कार करने का जन्म से अधिकार है। बहन बेटियों का बलात्कार हम मुर्दों को सहर्ष...

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