इंसाफ़ की चाहत में सत्य और इंसाफ पर पड़ जाती है मिट्टी क्योंकि कानून की देवी के आँखों पर बांध...
Brahmin Ashish Upadhyay
जब ज़िन्दगी की दुःस्वारिया से हम परेशां हो जाते हैं। जब ये दुनिया वाले हमको रुला जाते हैं।। जब किसी...
ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना अपने स्वार्थ के लिए धरा आसमां बाटेंगे। पेड़-पौधे, जीव-जंतु सब कुछ काटेंगे।। व्यर्थ करेंगे जल और...
मैं लंकेश रावण हूँ अपना प्रारब्ध स्वयं मैंने चुना था । मैं ऋषि विश्रवा का पुत्र और महर्षि पुलत्स्य का...
ये देश कैसा है? मैं हिन्दू हूँ तू मुस्लिम है ये द्वेष कैसा है। नफ़रतों हैं हवाओं में ये परिवेश...
पाँच साल वो आया राजनीति में जनसेवा तो बस एक बहाना था। उसको भी तो पाँच सालों में अकूत दौलत...
मृत्यु का यह मुख्यद्वार मुबारक यह चुनावी त्योहार मुबारक। यह ज़हरीली फुहार मुबारक मेरी इक इक साँसो का होता। तुमको...
हे आदि अनादि अखण्ड अनन्ता। तोहे पुकारन लगे हैं नर नारी अरु सब संता।1। कौन सो पाप कियो है प्रभू...
भूत भविष्य और वर्तमान तुम तीनों कालों के ज्ञाता हो। तुम मृत्युंजय हो, तुम अभयदान वर दाता हो।। तुम जान...
हे नीलकण्ठं, हे शितिकण्ठ। हे गंगाधर, हे अत्यन्तकठोर ।। तुम भक्ति मात्र से हो जाते विभोर हे मृत्युंजय, हे व्योमेश।...