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December 19, 2024

Brahmin Ashish Upadhyay

ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना अपने स्वार्थ के लिए धरा आसमां बाटेंगे। पेड़-पौधे, जीव-जंतु सब कुछ काटेंगे।। व्यर्थ करेंगे जल और...

मृत्यु का यह मुख्यद्वार मुबारक यह चुनावी त्योहार मुबारक। यह ज़हरीली फुहार मुबारक मेरी इक इक साँसो का होता। तुमको...

भूत भविष्य और वर्तमान तुम तीनों कालों के ज्ञाता हो। तुम मृत्युंजय हो, तुम अभयदान वर दाता हो।। तुम जान...

हे नीलकण्ठं, हे शितिकण्ठ। हे गंगाधर, हे अत्यन्तकठोर ।। तुम भक्ति मात्र से हो जाते विभोर हे मृत्युंजय, हे व्योमेश।...

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