मृत्यु का यह मुख्यद्वार मुबारक यह चुनावी त्योहार मुबारक। यह ज़हरीली फुहार मुबारक मेरी इक इक साँसो का होता। तुमको...
युवा कवि
हे आदि अनादि अखण्ड अनन्ता। तोहे पुकारन लगे हैं नर नारी अरु सब संता।1। कौन सो पाप कियो है प्रभू...
टालु कुजणि कख हरचि सु टालु, जु छोटु भि रौन्दू छौ अर बडु भी कुजणि कख हरचि सु टालु जु...
नेगी दा! गीत हम भी लांदा बोल हम भी लिखदा|| गीत हम भी सुणदा, गीत हम भी जणदा|| नेगी दा...
भूत भविष्य और वर्तमान तुम तीनों कालों के ज्ञाता हो। तुम मृत्युंजय हो, तुम अभयदान वर दाता हो।। तुम जान...
कोरोना मानो लगता है कि जिंदगी की, सबसे बड़ी जंग साबित होगी ये कोरोना, जो थमने का नाम ही नही...
हे नीलकण्ठं, हे शितिकण्ठ। हे गंगाधर, हे अत्यन्तकठोर ।। तुम भक्ति मात्र से हो जाते विभोर हे मृत्युंजय, हे व्योमेश।...
ए-वक़्त ख़ुद पर इतना ग़ुरूर न कर तू वक़्त ही तो है, वक़्त तू भी वक़्त एक वक़्त पर बदल...
सूखे पत्ते कहते हैं सूखे पत्ते कहते हैं, सूख गया सो झड़ गया, अपनो से बिछड़ गया, पतझड़ के मौसम...
मैं भी लिखने लगा अगर प्रेम, स्नेह, श्रृंगार को। तुम बोलो फिर कौन लिखेगा, वीरों के संसार को।1। किसी सुन्दरी...