चुल्हा कु मुछ्यालू में चुल्हा कु मुछ्याऴु छो अफुमा मस्त जलणु छो कभी एक धोरा सी कभी चारों धोरा सी...
युवा कवि
पुरेल्डु मैं पुरेल्डु छों। जू सुऴा पर टिक्यू छ। तुम कुछ भी करल्या। में एक जूट छौं। भांतिं भांतिं का...
कल्पने, धीरे-धीरे बोल बोल रही जो स्वप्न उबलकर विह्वल दर्दीले स्वर में, कुछ वैसी ही आग सोई है मेरे, लघु...
ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना अपने स्वार्थ के लिए धरा आसमां बाटेंगे। पेड़-पौधे, जीव-जंतु सब कुछ काटेंगे।। व्यर्थ करेंगे जल और...
प्रणय स्वप्न कमल-नयन का सुख-स्वप्न पुष्प छू लिया, अन्तर्मन, हर सुरों में गंध बसा है पुलकिल होंठ अपावन। जीवन का...
मैं लंकेश रावण हूँ अपना प्रारब्ध स्वयं मैंने चुना था । मैं ऋषि विश्रवा का पुत्र और महर्षि पुलत्स्य का...
ये देश कैसा है? मैं हिन्दू हूँ तू मुस्लिम है ये द्वेष कैसा है। नफ़रतों हैं हवाओं में ये परिवेश...
आँसू और मुस्कान जब-जब आँखों में आँसू दिल मचल-मचल छलकती है पीड़ा का क्रंदन होता है अंतर में टिस उभरती...
पाँच साल वो आया राजनीति में जनसेवा तो बस एक बहाना था। उसको भी तो पाँच सालों में अकूत दौलत...
मत देना वरदान मुझे मैं रोऊँगा, चिल्लाऊंगा निज किस्मत को गोहराउंगा, संतप्त वेदना में तपकर अपना संघर्ष लुटाऊँगा। पग-पग पर...