कुछ रिश्ते जुड़ जाते हैं खुद ब खुद। इन्हें जोड़ने के लिए नहीं करनी पड़ती कोई कोशिश... नही बनानी पड़ती...
युवा कवयित्री प्रीति चौहान की कविता-तुम लड़की नहीं हो न
ये ख़ौफ़नाक मंजर (युद्ध) एक मोड़ पर थम ही जाएगा। फिर नेता हाथ मिलाएंगे और समझौते होंगे। मगर...... जीवन भर...
अरे यार जिंदगी में परेशानियां तो सबकी होती है। खुद की किस्मत पर रोना शामों- सुबह किस लिए अरे यार...
तुम लड़की नहीं हो न तुम लड़की नहीं हो न, फिर हमारे दर्द को क्या समझोगे ..!! वो सुनसान रास्तों...