बीति ताहि बिसार दे बैचेन मन सोचता बहुत है तर्क बितर्क के जंजाल में वो फंसता सा चला जाता है...
नारी मंच
मन पतवार बना लेती तुम होते जो सचमुच रुठे मैं तुम्हें मनाने आ जाती, नैया को मझधार छोड़ती मन पतवार...
मेरा बुढ़ापा एक रोज जैसे ही हुई मेरे द्वार पै इक आहट निकली मैं जैसे ही बाहर दिल में बड़ी...
ग्रीष्म ऋतु का पदार्पण सुहानी वसंत ऋतु बीत गयी भीषण ग्रीष्म ने किया पदार्पण चारों दिशाओं में भीषण ज्वाला से...
माँ के प्रति ढाई बर्ष से कौमा में है माँ माँ तुम्हारें बिना सारी खुशियां। बेमानी सी लगती हैं ॥...
कभी-कभी लगता है प्रेम जैसी सरल भावना को कितना जटिल बना दिया गया है। जिसने भी प्रेम में पहले मरने...
किताबें (1) सबसे अच्छी यार किताबें। पढ़ली जिसने चार किताबें॥ कर देती होशियार किताबें। कागज पर लिखी दास्ताँ किताबें॥ सारे...
जो तितलियों के पीछे कोसों दूर दौड़ती उनके रंगों को हाथों में छापती और फिर उस तितली को छोड़ देती...
अमीर कौन? कौन इस जग में अमीर कहलाया धन अथाह जिनके पास था या जो औरों के काम आया कौन...
आओ आओ सुनो प्रिय अपना नव वर्ष का, हर्षोत्सव कुछ यूं मनाएं विक्रम संवत्- 2080 चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा, शक्ति...