का गे होली चैत की मैना की काफल पाकी,घुरौंदी घुघूती की प्यारी सांखी।उड़दा पन्छ्यों की कन भली टोली,का गे होली...
गढ़वाली रचना
'हमरु इत्यास. डॉडी - कॉठ्यूं क हम , छवां रैवासी.हम छवां गढवऴी भैजि, पाड़ा का वासी.. सीधी च बोलि हमरि...
" कुटमदरि " रऴि - मिऴि , रावा त,नांगि-कांगि , बंटे जयंद.दगड़म हो , सयंणु दिल-बोल्यूं बि , सये जयंद.....
" एक दिल हूंद " दिल सब्यूं , भितर हूंद.दिली त हूंद , जो रूंद.दिल जड़द- पच्छ्यड़द-भितनैं रूंद , भैनैं...
बजदी बांसुरी ------- बजदी मनम्वोहनि बांसुरी हो ,बजदी मनम्वोहिनि बांसुरी ।धकध्याट करदी हाय जिकूड़ी ,धकध्याट करदी हो ।। अछैगे घाम...
आरसी म्यूजिक की ओर से प्रस्तुत है मां दुर्गा वंदना। इसमें गढ़वाल और कुमाऊं की प्रसिद्ध देवी सिद्धपीठों की स्तुति...