ऑख्यूं अगनै माना न माना, जीवन बि एक भरम च. कैसे नि मललव, बस ! ऑख्यूं शरम च.. ऐसक्रीम समान...
गढ़वाली गजल
दग्णु एक भलु दग्णु, मन्खि थैं कख-पौंछै दींद. एक बुरु दग्णु, मन्खि थैं कख- गिरै दींद.. जमीन से जुड़िक-खूब पढिक,अग्नै...
पेट कूणा-कचरा डब्बा नी-यो, यो- त्यारू पेट च. भ्वरद जांणी ये-जो, पेट च-कि इंडियागेट च.. खांणु-खांणा-तीन बग्ता नीम, पुरण्यूंल बड़ै,...
वो दिन वो भूखा- नांगा दिन, अज्यूंबि याद छन. वो रूखा टिक्कड़ बि, हमकु खैराद छन.. भलु स्वाद छौ, जौ-...
आजादी बड़ि कुर्बन्यूं से मिलीं आजादी, भलिके सम्माऴ देश रक्षा कि खातिर, द्वी कदम चलिके सम्माऴ तिल-मिल नि द्योखु वो...
दु-मुख्या वेन त बड़ै हमु- सबु, बरोबर इक-नसि यख. हमन बड़ै दे वेकि या, धरोहर कन-नसि यख.. क्वी बढ अगनै-क्वी...
इक-मुख्या गंजुणु खयां सि-न घपक्या रा , घर भितर. बाच-बचन गाढा-न झपक्यां रा, घर भितर.. बोलद रा ज्यू कि बात,...
अगोड़ि-पिछोड़ि इन्सान कु नाता-इन्सानियत से, अगोड़ि च. हमरु स्वार्थ-हमरु दुखड़ा, सब पिछोड़ि च.. कबि- नि रैंदू एक जगा, यो- चंचल...
योग योग कि मैंमा, आज कैसे- कम नीच. आज- सबि करदीं योग, कै- छम नीच.. सरल- गरल, जो- जनु कै...
तुम बि हीटा उनै आजा- लोग, भैंडि- आदतौं से- लाचार ह्वी. बात पीछा सब्यूंका, अलग-अलग बिचार ह्वी.. मुख समणि, एक...