हम लचार नि छवां हम कुछ बि छवां, पर- लाचार नि छवां. आजबि अपड़-पर्या फरि, भार नि छवां.. लेन-देन आफत-बिपत,...
गढ़वाली गजल
माँ कालिंका मेरि बड्यर्यूं कि कालिंका माँ, दैंणी ह्वेकि जै. आस लेकि- औंला हम, माँ- खुसी देकि जै.. तेरा थानम...
सूंणा मींथैं अपड़ा- पहाऽड़ि हूंणा, गर्व चा. हमर लोगौं - आगास छूंणा, गर्व चा.. अब नि रैग्या, भूरु- घूरू अर...
सुद-मति भला करम करा, यो दिखलौ-सब भरम च. भितनै कुछ- भैनै कुछ, यो त- खटकरम च.. कुकरमी मनखी, भला करम...
रिस्ता-नाता नाता- रिस्तौं कु, कनु- अलबेलु सफर चा. गौं- परिवारम, नाता- रिस्तौं झर- फर चा.. ब्वे-बुबा-ब्वाडा- भै-भैंणा, रैं- सदनि बड़ा,...
नवदुर्गा नौ दिनौं म-माँ नवदुर्गा, सब्यूं उबारी दे. बिघ्न- बाधा- सबकि हारी , माँ तारी दे.. सालम द्वी बार ऐकी,...
करम करिल्या-भला करम, नि करा-खटकरम भयो. गरीब- गुरबौ मदद कनुबि, हमरु- धरम भयो.. बड़ा-बड़ा तिलक लगै, पूजापाठ करै क्य होलु,...
एक दिन एक दिन यख बटि सब्यूंन, सटगुणूं च. कांच माफिक टुटणु च, अर चटगुणूं च.. इनि- बिगरैली बड़ींच, य...
कासी-कोत्वाळ कासि कु- कोत्वाळ बड़ि कन डरांद जिंदगी. सयूं-सयूं धरु-धरु लिजै, कन रुलांद जिंदगी.. आज कु दिन-कनु कटे, भोळ की...
अबकु-तबकु बच्पना घर भितर घुटि रै आंद, अब जमना बच्चों बच्पना. मोबैल म गुमसुम रांद, अब जमना बच्चों बच्पना.. दाजी...