Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

December 24, 2024

गढ़वाली गजल

रिस्ता-नाता नाता- रिस्तौं कु, कनु- अलबेलु सफर चा. गौं- परिवारम, नाता- रिस्तौं झर- फर चा.. ब्वे-बुबा-ब्वाडा- भै-भैंणा, रैं- सदनि बड़ा,...

करम करिल्या-भला करम, नि करा-खटकरम भयो. गरीब- गुरबौ मदद कनुबि, हमरु- धरम भयो.. बड़ा-बड़ा तिलक लगै, पूजापाठ करै क्य होलु,...

कासी-कोत्वाळ कासि कु- कोत्वाळ बड़ि कन डरांद जिंदगी. सयूं-सयूं धरु-धरु लिजै, कन रुलांद जिंदगी.. आज कु दिन-कनु कटे, भोळ की...

अबकु-तबकु बच्पना घर भितर घुटि रै आंद, अब जमना बच्चों बच्पना. मोबैल म गुमसुम रांद, अब जमना बच्चों बच्पना.. दाजी...

You cannot copy content of this page