दु-मुख्या वेन त बड़ै हमु- सबु, बरोबर इक-नसि यख. हमन बड़ै दे वेकि या, धरोहर कन-नसि यख.. क्वी बढ अगनै-क्वी...
गढ़वाली कवि एवं साहित्यकार
सारू जन- लगल्यूं थैं रैंद सारू, झाऽड़ कू. उनि- पुगड़्यूं थैं रैंद सारू, बाऽड़ कू.. एक- हैंका सारू, हर -...
जीवन लीला मन्खी जून-दे प्रभु तिन, कनू- निरबळ बड़ाय. इनु जीवन थैं पैकि भी, स्वाचा हमन क्य पाय.. माँ न...
ल्याखा-पाढ़ा सुड़ीं-जड़ीं छ्वीं-बतौंम, द्वी-चार ह्वे जांद. गुणीं-लिखीं कितब्यूंम, नै बिचार ह्वे जांद.. धरोहर च हमरी, यीं बिट्वाऴा-समाऴा, नै- पुरणि कितब्यूं...
ठक-ठकि कनि ठकठकि लगदि छै, तब गौं-मुल़क आंणा की. कनि मरमरि हुंदि छैं, ब्वे क हथा-रोटि खांणा की.. मैना भर...
समै कि पूछ समै फरि लग्या-फांकुण, सरि-सरि दौड़णूं च. कोच- जो यो पूछ पकड़ि, सरर् मरोरड़णूं च.. समै त चल़णु...
पुरखौं धरौंण यो पाऽण हम थैं, खुज्यांणा छीं. अफ वख-हम यख, रुलांणा छीं.. बोलि नी पांदा, कबि भी गिचन, ज्यू...
पौंणौं-स्वागत स्वागत सबकू गौं-गौंम, सदनी बटी क ह्वाय. हमरी पुरण्यूं रीत या, ब्वे - बबुजी न बताय.. आंदू- जांदू क्वी...
इनै मोबैल उनै टेलीविजन इनै मोबैल - उनै टेलीविजन, चल़णू च. कैथैं यो - कैथैं वो प्रोग्राम, भलु लगणू च.....
जीव हर- जीव दुन्यम, अपणु घर-बार रचद. एक मनखि च, जो दगड़म संसार रचद.. खांणु - पीणु रैण - सैण,...