ज़िंदगी इतनी भी आसान नही है…थोडी मुश्किल है थोडा सन्घर्ष है…..हर मुश्किलो को पार कर जाओ…तभी तो तुम्हारी जीत है….....
कवि
हे प्रभु मन में दीप जलाओ अंधकार से मुझे निकालो ,सच्चाई की राह दिखा लो ।सही ड़गर क्या मुझे बताओ...
का गे होली चैत की मैना की काफल पाकी,घुरौंदी घुघूती की प्यारी सांखी।उड़दा पन्छ्यों की कन भली टोली,का गे होली...
चलो दीप जलाएं चलो सखी कुछ ऐसे दीप जलाएं।हर घर जो, उजियाला फैलाएंसूने पड़े द्वारों को सजाएंआते जाते राही को...
काली रात फिर से आयेगी…. वही दरिंदगी से भरी रात फिर आयेगी..किसी मासूम निर्भया की इज्जत फिर निलाम की जायेगी…....
तेरि-मेरी मन कि बात मान नि मान हे मनखी, मिं-जणदु मन कि बात.न लगौ ग्वाया यथ-वथ, कर भितर ह्यन कि...
गिरते गिरते मुझे बचायाहाथ पकड़कर मुझे चलना सिखाया ।रात भर जागकर मुझे गोद में सुलायास्कूल से पहले मुझे बोलना सिखाया...
यही कविता है भाईकि एक संघर्ष के बाद भीलगातार रहना है उनके साथकि जिनको है ज़रूरतआज भी है और थी...
उत्तराखंड राज्य के बीस साल हो गए। इन सालों में उत्तराखंड ने क्या पाया क्या खोया, ये बहस का विषय...
मैंने जीना सीखा हैसस्ताई में महँगे का भी सौदा करना सीखा है,जमीं पे नीड़ बना मैंने अंबर में उड़ना सीखा...