मेरे डांडो - कांठों में आजकल सुरभित पुष्प खिले हैं। बांज बुरांश मौरू तरुवर, शांत स्निग्ध हरितपर्ण धरे हैं। प्रिय...
कवि
देख तबाही के मंजर को, व्यथित हृदय क्यों टूट रहा ! धरती माता की चीखों से, नील नलय तक सिहर...
यदि स्वर्ग का सुख पाना है, तो राजनीति में आना। सुख -सत्ता सिंहासन को, हरगिज नहीं खोने देना। राजनीति से...
हो जाता है मन अधीर जब हो जाता है मन अधीर जब, मै वृक्षों को गिनता हूं। बैठ पहाड़ के...
गृहिणी का एक दिन घर वो सारा संभालती हैं ! नींद छोड़कर सबसे पहले वो उठ जाती हैं ! किचन...
झील का रंग कुछ नया होगा इस हरे रंग के पीछे कोई रहा होगा जब कटे पेड़ इन पहाडो़ के...
कानून हमें आरक्षण दे दो। मेरा प्यारा हिन्दुस्तान, जहां आरक्षण सदाबहार। आजादी के वर्ष बहत्तर, आरक्षण ही खेवनहार। मेरा प्यारा...
निशांत के लिए शिशिर ऋतु की सीत, ज्यूं जम जाय संसार। ग्रीष्म ऋतु का ताप, उगलता आग आकाश। पावस ऋतु...
रुद्रप्रयाग जिले के वरिष्ठ साहित्यकारों को कलश ट्रस्ट ने अपने आठवें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में सम्मानित किया। कार्यक्रम रुद्रप्रयाग...
कोल्ड्रिक बियरबार पाड़ डांडा वार पार कच्ची न पक्क्यूंकि बार मैनिफैक्चिरिंग बहार होली मेरा उत्तराखंडमां डेब्लपमेंट 2020 मा। चूनै र्वट्टि...