"ब्रह्म मुहूर्त का समय" अर्थात वह समय जिस समय अंधेरे पर उजाले की जीत होती है और सारी सृष्टि में...
कविता
जाहिल… सुनो बताऊं कैसा लिखो…ऐसा लिखो ना तैसा लिखो…जैसा है कुछ वैसा लिखो…लिखना चाहते हो तब लिखो…मैं बताता हूं तुम्हें...
पुरणि याद फाणा- पंगतौंम बैठि, कबि खॉड़ु खायी तुमन.हतौंम हत डाऴि , झौंड़ा-चौंफऴा गायी तुमन.. खॉड़ा की पंगत्यूंम बैठि, यख...
मैंने जीना सीखा हैसस्ताई में महँगे का भी सौदा करना सीखा है,जमीं पे नीड़ बना मैंने अंबर में उड़ना सीखा...
बहुत है…… खुल के मुस्कराने का जी चाहता है……पर गमो का कारवा भी तो बहुत है…….. उडना चाहती हूँ खुले...
सदनि बटि इनीं हमरि रै नौं धरैं , सदनि बटि इनीं.तुमरि रै बीट तरै , सदनि बटि इनीं.. लोगौं धान...
एक----बच्चे नेआंसुओं मे डूबी नाव सी आंखों से मां को देखाबच्चे को बहता दिखा अफनि चेहरा दोनो एक दूसरे कोकिनारे...
शरद का पूनमऋतुओं में शरद ऋतु की बात कुछ निराली है।इस ऋतु में फैली रहती चहुँ ओर हरियाली है।फल फूलों...
जो किसी निर्दोष को दुख देता है, उसे कभी सुख की प्राप्ति नहीं होती । भगवान उसका सुख धीरे-धीरे छीन...
किसने बनाया उत्तराखंड किसका हो के रह गया,कैसे सपने देखे हमने केसे बन के रह गयाचम्मचों की फौज है नेताओं...