तू अड़ि मड़ि ऐसी तसि झन कीजै.... तेरी बक बकवास कि कूछै दिन रात तू अड़ि मड़ि ऐसी तसि झन...
कवि
करिया... करियो ... अच्हांरे... जनता नेता भरोसो झन करिया करियो आपन जुगाड़ जनता... नेता भरोसो झन करिया ।।टेक।। उजले वस्त्र...
मेरे मेहमानों को देखो ! आएं हैं मेहमान आजकल मेरे घर पर, कुछ दानें चूंगते, क्रीड़ा करते प्रतिपल। बैठा रहता...
मेरे डांडो - कांठों में आजकल सुरभित पुष्प खिले हैं। बांज बुरांश मौरू तरुवर, शांत स्निग्ध हरितपर्ण धरे हैं। प्रिय...
देख तबाही के मंजर को, व्यथित हृदय क्यों टूट रहा ! धरती माता की चीखों से, नील नलय तक सिहर...
यदि स्वर्ग का सुख पाना है, तो राजनीति में आना। सुख -सत्ता सिंहासन को, हरगिज नहीं खोने देना। राजनीति से...
हो जाता है मन अधीर जब हो जाता है मन अधीर जब, मै वृक्षों को गिनता हूं। बैठ पहाड़ के...
गृहिणी का एक दिन घर वो सारा संभालती हैं ! नींद छोड़कर सबसे पहले वो उठ जाती हैं ! किचन...
झील का रंग कुछ नया होगा इस हरे रंग के पीछे कोई रहा होगा जब कटे पेड़ इन पहाडो़ के...
कानून हमें आरक्षण दे दो। मेरा प्यारा हिन्दुस्तान, जहां आरक्षण सदाबहार। आजादी के वर्ष बहत्तर, आरक्षण ही खेवनहार। मेरा प्यारा...