हो मौज बहार कि आया नया साल छा जाए नया साल कर दफा हर मजबूरी। बेहतर हो नया साल कि...
कविता
शुभेच्छा हम सबके के आँगन में, छाए नित नई बहारें। सहयोग व सद्भाव रहे, आपस में स्नेह रहे व प्रेम...
तब ही अपना नववर्ष मने जब ऋतुराज बसंत छटा छलके , जब कुंज में पुष्प लता महके । जब यज्ञ...
देश का युवा हूँ भविष्य हूँ और बेरोजगार हूँ मैं। न कोई चमचा,न भक्त,न कोई चौकीदार हूँ मैं। देश के...
बन मनोहर आप आना। साल बीस बीस को अब, हो सके तो भूल जाना, साल बीस इक्कीस सुन लो, बन...
नया साल.....चलो स्वागत करते हैं..... जिन्दगी का एक और वर्ष कम हो चला, कुछ पुरानी यादें पीछे छोड़ चला .....
समय मिले यदि साथी तुमको नववर्ष के अरुणोदय को, नाना नातिन उत्सुक हैं। देख रहें हैं नया सबेरा, देखो...
कहने को है नया, लेकिन नया कुछ भी नही। तारीख़ बदली,साल बदला और बदला कुछ भी नही।। बदलने को सब...
तुम जैसे --- तुम जैसे - पुष्पों में सुगंध । तुम जैसे - कुंजों में बहार । तुम जैसे -...
आ जाना मेरे सुर कुट पर क्या देखा है कभी आपने, मां के मंदिर की यह शोभा ! हरित बर्फीला...