हे मां सरस्वती कृपा करो हे मां सरस्वती हम पर कृपा करो, अन्दर ऐसा प्रेम जगाओ, जन जन का उपकार...
कविता
हे ! बद्रीश प्रभु कृपा करो हे देव-मनुजों के पति लक्ष्मीपति, बद्रीवन के विशाल श्रीबद्रीश जी , सृष्टि पालनहार पीताम्बरधरा...
भोलेनाथ तुम दया निधान आशुतोष तुम संकट हारी, दया करो हे कृपा निधान। भव भय भंजन सुख के धाम, हे...
'अनुप्रास अलंकार' में : 'म' से 'माँ' माँ मैं मुख मन्थन मधु! मधुर मंगल मृदुल माँ! महान महन्त मातृत्व महिमा!...
तुम आत्महत्या करोगे संकट गहरा रहा है दुराकाश में हिंसक पक्षियों का दल आ रहा है क्षितिज पर षड्यंत्र का...
चिहुँकती चिट्ठी बर्फ का कोहरिया साड़ी ठंड का देह ढंक लहरा रही है लहरों-सी स्मृतियों के डार पर हिमालय की...
हम पर तरस क्यों नहीं आता मम्मी पापा चाची चाचा, हम पर तरस क्यों नहीं आता। बिना पढ़ाई के घर...
साहित्य और सत्ता साहित्य का सत्य और निश्छल शब्द सता के गलियारे में, जब दस्तक देता है, न... सिंहासन के...
जोंक रोपनी जब करते हैं कर्षित किसान, तब रक्त चूसते हैं जोंक! चूहे फसल नहीं चरते फसल चरते हैं साँड...
क्या हम स्कूल जा पाएंगे सोचा न था जीवन में, ऐसे दिन भी आयेंगे। कारण कोरोना के हम, घर पर...