अंतिम समय में NEET PG सुपर स्पेशियलिटी परीक्षा के पाठ्यक्रम में बदलाव पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को लगाई फटकार
NEET PG सुपर स्पेशियलिटी परीक्षा 2021 के पाठ्यक्रम में अंतिम समय में बदलाव को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है।
NEET PG सुपर स्पेशियलिटी परीक्षा 2021 के पाठ्यक्रम में अंतिम समय में बदलाव को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। अदालत ने केंद्र से कहा कि युवा डॉक्टरों के साथ सत्ता के खेल में फुटबॉल की तरह बर्ताव बंद हो। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से संबंधित अधिकारियों की बैठक बुलाने और अगले सोमवार को जवाब देने को कहा है।कोर्ट ने कहा कि सत्ता के खेल में इन युवा डॉक्टरों को फुटबॉल मत समझो। हम इन डॉक्टरों को असंवेदनशील नौकरशाहों की दया पर नहीं छोड़ सकते। सरकार अपने घर को दुरुस्त करे। सिर्फ इसलिए कि किसी के पास शक्ति है, आप इसका किसी भी तरह इस्तेमाल नहीं कर सकते। यह उनके करियर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। अब आप अंतिम समय में परिवर्तन नहीं ला सकते।
सुनवाई के दौरान जस्टिस बीवी नागरत्ना ने कहा कि इन युवा डॉक्टरों को अंतिम क्षणों में बदलाव के कारण भ्रमित किया जा सकता है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि युवा डॉक्टरों के साथ संवेदनशीलता से पेश आएं। NMC (राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग) क्या कर रहा है? हम डॉक्टरों के जीवन से निपट रहे हैं। आप नोटिस जारी करते हैं और फिर पैटर्न बदल देते हैं? छात्र सुपर स्पेशियलिटी कोर्स की तैयारी महीनों पहले से शुरू कर देते हैं। परीक्षा से पहले अंतिम मिनटों को बदलने की आवश्यकता क्यों है? आप अगले वर्ष से परिवर्तनों के साथ आगे क्यों नहीं बढ़ सकते?
दरअसल 41 पीजी क्वालिफाइड डॉक्टरों ने परीक्षा के पाठ्यक्रम में अचानक अंतिम क्षणों में बदलाव को चुनौती दी है। छात्रों की दलील है कि परीक्षा से महज 2 महीने पहले पैटर्न बदल दिया गया है। 20 सितंबर को SC ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) PG सुपर स्पेशियलिटी परीक्षा -2021 के पाठ्यक्रम में अंतिम समय में बदलाव को चुनौती देने वाली याचिका पर राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (NBE), राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था। 2018 में पैटर्न सामान्य चिकित्सा से 40 प्रतिशत और सुपर स्पेशियलिटी से 60 प्रतिशत प्रश्न का था, जबकि इस बार अंतिम समय में बदलाव की घोषणा की गई, जिसमें सामान्य चिकित्सा से शत-प्रतिशत प्रश्न पूछे गए थे।





