सुप्रीम कोर्ट की अजित पवार गुट को फटकार, कहा- शरद पवार की फोटो का इस्तेमाल क्यों, चुनाव आयोग का आदेश अंतिम नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने एनसीपी के चुनाव चिह्न को लेकर सुनवाई की। साथ ही शरद चंद्र पवार की याचिका पर अजित पवार की एनसीपी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। दरअसल याचिका में शरद पवार की पार्टी ने अजित पवार गुट पर शरद पवार के नाम और तस्वीर का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। सुप्रीम कोर्ट पीठ ने अजित पवार की एनसीपी से सवाल किया कि जब आप अलग पार्टी हैं तो आप उनकी (शरद पवार) तस्वीर का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं? कोर्ट ने अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) गुट से शरद पवार की तस्वीर और नाम का इस्तेमाल नहीं करने का आदेश दिया। पीठ ने अजित पवार से कहा कि वह किसी भी भ्रम से बचने के लिए दूसरा चुनाव चिह्न लेने पर विचार करें। इसमें आगे कहा गया है कि चुनाव आयोग का आदेश अंतिम नहीं है। अब इस मामले में मंगलवार को अगली सुनवाई होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
शरद पवार की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अजित पवार की एनसीपी घड़ी के निशान और शरद पवार के चेहरे का उपयोग करके लोगों को गुमराह कर रही है। सिंघवी ने कहा कि आप घड़ी और शरद पवार की तस्वीर का उपयोग कैसे कर सकते हैं? यह धोखा है। आपके अपने नेता कहते हैं कि इसका उपयोग ग्रामीण क्षेत्रों में उनके लाभ के लिए किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जस्टिस सूर्यकांत और के.वी. की पीठ विश्वनाथन ने मामले की सुनवाई करते हुए अजित पवार गुट की ओर से पेश वकील से कहा कि पार्टी को हलफनामा देना चाहिए कि वह अपने सदस्यों को शरद पवार की तस्वीर का इस्तेमाल करने से रोकेगी। पीठ ने अजित पवार गुट से कहा कि अब जब आप दो अलग-अलग संस्थाएं हैं, तो केवल अपनी पहचान के साथ ही जाएं। पीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि जब चुनाव आता है तो आपको उनके चेहरे की जरूरत होती है और जब आप चुनाव जीत जाते हैं तो आप पार्टी छोड़ देते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अजित पवार गुट की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि ‘पार्टी शरद पवार के नाम का इस्तेमाल नहीं कर रही है, बल्कि कुछ अनजान कार्यकर्ता ऐसा कर रहे हैं। अजित पवार गुट ने कहा कि सोशल मीडिया पर पार्टी कार्यकर्ताओं को नियंत्रित करना संभव नहीं है। इस पर पीठ ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को अनुशासित रखना आपकी जिम्मेदारी है। पीठ ने कहा कि अब आप दो पार्टियां हैं तो अपनी पहचान पर कायम रहिए। आपने ही अलग होने का फैसला किया था तो अब अपने फैसले पर टिकें और आपको पार्टी कार्यकर्ताओं को भी नियंत्रित करना होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
चुनाव चिह्न घड़ी का इस्तेमाल ना करने का सुझाव
सुप्रीम कोर्ट ने मौखिक तौर पर ये सुझाव भी दिया कि अजित पवार की एनसीपी को चुनाव में ‘घड़ी’ चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए, ताकि किसी तरह की कोई भ्रम की स्थिति न बने। एनसीपी शरदचंद्र पवार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में शामिल हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि अजित पवार की एनसीपी पार्टी के चुनाव चिन्ह घड़ी का इस्तेमाल कर रही है। यह चिह्न ऐतिहासिक रूप से शरद पवार से जुड़ा रहा है। साथ ही आधिकारिक गुट शरद पवार की तस्वीर और नाम का भी इस्तेमाल कर रहा है, इससे भ्रम की स्थिति बन रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इससे पहले 19 फरवरी को शीर्ष अदालत ने एनसीपी संस्थापक शरद पवार और उनके गुट को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) के नाम से काम करने की अनुमति दी थी। ईसीआई ने राज्यसभा चुनाव में भाग लेने के लिए एक बार के उपाय के रूप में 7 फरवरी को एक आदेश में शरद पवार गुट को नया नाम आवंटित किया था। इसके अलावा सुनवाई के दौरान एक और अंतरिम राहत में पीठ ने शरद पवार गुट को पार्टी चिह्न के लिए आवेदन करने की अनुमति दे दी। इसके तहत चुनाव आयोग को उनके आवेदन के एक सप्ताह के अंदर शरद पवार गुट को पार्टी का सिंबल आवंटित करने का निर्देश दिया गया है। 6 फरवरी को ईसीआई ने अजीत पवार के गुट को असली एनसीपी के रूप में मान्यता दी थी और अजीत पवार के गुट को एनसीपी का सिंबल दीवार घड़ी आवंटित किया था।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।