पीएमएलए फैसले के दो बिंदुओं पर सुप्रीम कोर्ट पुनर्विचार को तैयार, केंद्र को नोटिस जारी
प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया गया है। चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि यह कानून बहुत अहम है। उन्होंने कहा कि हम सिर्फ 2 पहलू को दोबारा विचार लायक मानते हैं। ये पहलू हैं ECIR (ED की तरफ से दर्ज FIR) की रिपोर्ट आरोपी को न देने का प्रावधान और खुद को निर्दोष साबित करने का ज़िम्मा आरोपी पर होने का प्रावधान। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)गुरुवार को PMLA पर कार्ति चिदंबरम की पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट PMLA फैसले पर फिर से विचार करने को तैयार है और इश संबंध में केन्द्र को नोटिस भी जारी किया गया। कार्ति की ओर से वरिष्ठ एडवोकेट कपिल सिब्बल ने बहस की। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हम समझते हैं कि PMLA फैसले के सिर्फ दो मुद्दों पर फिर से विचार की जरूरत है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि हमें दो मुद्दों पर फिर से विचार की जरूरत और उन दो मुद्दों में पहला मुद्दा यह है कि पहला आरोपी को ECIR की कॉपी ना देना औऱ दूसरा मुद्दा यह है कि निर्दोष होने के अनुमान को उल्टा करना। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
केंद्र सरकार की ओर से तुषार मेहता ने कहा कि सिर्फ इन सीमित मुद्दों पर ही नोटिस जारी हो। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहली नजर में हम फैसले के दो पहलुओं पर फिर से विचार करेंगे। पहला तो यह कि आरोपी को ECIR की कॉपी नहीं दी गई और दूसरा जब तक कोर्ट से दोषी साबित ना हो तब तक निर्दोष होने की अवधारणा को उल्टा करना। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच की ओर से की गई सुनवाई की खासियत यह थी कि इसकी सुनवाई ओपन कोर्ट में हुई। इसमें मीडिया और आम लोगों को कोर्ट की कार्यवाही को देखने की अनुमति दी गई।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।




