महिला पहलवानों के यौन शोषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बंद की सुनवाई, कहा अब दर्ज हो चुकी है एफआईआर, हाईकोर्ट जाओ
सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिल्ली के जंतर मंतर में धरने पर बैठी महिला पहलवानों को अब निचली अदालत या हाईकोर्ट जाना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मामले में आगे की सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। अदालत ने कहा कि पहलवानों की ओर से एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर याचिका दायर की गई थी। अब इस मामले में पुलिस दो एफआईआर दर्ज कर चुकी है, ऐसे में आगे की सुनवाई बंद की जाती है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पी.एस नरसिम्हा और जस्टिस जे बी पारदीवाला की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि दो सेशन में पुलिस ने पीड़ितों के महिला पुलिस की मौजूदगी में बयान दर्ज किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की निगरानी के लिए रिटायर्ड जज से कराने की मांग को खारिज किया है और कहा, अगर कोई शिकायत है तो निचली अदालत जा सकते हैं। पीड़ित हाईकोर्ट भी जा सकते हैं।
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चीफ जस्टिस की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि याचिका का उद्देश्य एफआईआर को लेकर था, जो दर्ज हो चुकी है। आज की सुनवाई के दौरान भारत सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने महिला पहलवानों की सुरक्षा को लेकर उठाए गए कदमों की जानकारी दी। वहीं, कोर्ट ने आरोपी को मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश करने के बारे में भी सवाल किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
तुषार मेहता ने कहा कि धरना स्थल पर पहलवानों का सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराई गई है। तीन असलहाधारी पुलिसमैन उनकी सुरक्षा के लिए जंतर-मंतर पर तैनात हैं। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने पूछा कि एफआईआर दर्ज करने के बाद मजिस्ट्रेट के सामने आरोपी को पेश करने की कार्रवाई की गई? सवाल का जवाब देते हुए मेहता ने कहा कि जांच चल रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दूसरी ओर से बृजभूषण की ओर से वकील हरीश साल्वे कोर्ट में पेश हुए। साल्वे ने अपनी दलील देते हुए कहा कि कुश्ती संघ अध्यक्ष के खिलाफ कोई मामला ही नहीं बनता है। मामले की सुनवाई के दौरान हमारा पक्ष सुना ही नहीं लिया। एकपक्षीय आदेश दे दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग को खारिज कर दिया है। कहा कि जो भी शिकायत है, इसे लेकर हाईकोर्ट जाएं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पहलवानों ने लगाए हैं ये आरोप
पहलवानों का आरोप था कि रेसलर फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने अपशब्दों का प्रयोग किया था और खिलाड़ियों को गाली भी दी थी। साथ की यौन शोषण के भी आरोप लगाए। पहलवानों ने कहा था कि हम यहां खेलने आए हैं। वो विशेष रूप से खिलाड़ी और राज्य को टारगेट कर रहे हैं। अध्यक्ष के खिलाफ सात महिला पहलवानों ने पुलिस को लिखित तहरीर भी दी है। इसमें एक नाबालिग पहलान भी शामिल है। इन महिला पहलवानों ने संघ अध्यक्ष पर यौन उत्पीड़न का भी आरोप लगाया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में देश के शीर्ष पहलवानों की भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह द्वारा कथित यौन दुराचार के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई हुई थी। इसके बाद दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं, लेकिन धरना जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि हमें दिल्ली पुलिस पर भरोसा नहीं, वह कमजोर प्राथमिकी दर्ज कर सकती है। अब इस मामले में केस भी दर्ज कर लिया गया है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।