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September 14, 2025

विश्वगुरु भारत में एक स्कूल ऐसा, जहां एक कक्ष में पहली से पांचवी तक की पढ़ाई, एक ब्लैकबोर्ड में एकसाथ पढ़ाते हैं दो शिक्षक

विश्व गुरु बनने की राह में अग्रसर भारत के बिहार राज्य में एक स्कूल ऐसा है, जहां की तस्वीर देखकर सभी चौंक जाएंगे। ये स्थिति तब है जब बिहार में शिक्षा क्षेत्र के विकास के मद में करोड़ों रुपये की राशि सालाना खर्च की जाती है।

विश्व गुरु बनने की राह में अग्रसर भारत के बिहार राज्य में एक स्कूल ऐसा है, जहां की तस्वीर देखकर सभी चौंक जाएंगे। ये स्थिति तब है जब बिहार में शिक्षा क्षेत्र के विकास के मद में करोड़ों रुपये की राशि सालाना खर्च की जाती है। इसका उद्देश्‍य नौनिहालों को बेहतर मूलभूत सुविधाओं के साथ अच्‍छी शिक्षा प्रदान करना है। ताकि अच्‍छे भविष्‍य का निर्माण हो सके। इसके बावजूद बिहार के कटिहार जिले से प्राथमिक शिक्षा की ऐसी तस्‍वीर सामने आई है, जिसे देखकर बदहाल शिक्षा की बदहाल व्‍यवस्‍था का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। जिले के एक प्राथमिक विद्यालय में एक ही कमरे में 1 से लेकर 5 तक की कक्षाएं संचालित हो रही हैं। एक ही क्‍लासरूम में हिन्‍दी और उर्दू भाषाओं की कक्षाएं लगती हैं। हद तो यहां तक पार हो गई कि एक ही समय पर ब्लैकबोर्ड में दो शिक्षक पढ़ा रहे हैं। इसके लिए ब्लैक बोर्ड का दो भाग में बंटवारा कर दिया गया है। ब्‍लैकबोर्ड पर एक ही समय में हिन्‍दी और उर्दू के शिक्षक छात्रों को दोनों भाषाओं में पढ़ाते हैं। हिन्‍दी भाषी छात्र एक तो उर्दू भाषा के छात्र ब्‍लैकबोर्ड के दूसरी तरफ देखते हैं। अब किस बच्चे को किस शिक्षक की तरफ से समझाया जा रहा समझ आएगा, ये भारत को विश्वगुरु की बात करने वाले नेता बता सकते हैं। या फिर व्हाट्सएप इंडस्ट्री में कुकुरमुत्ते की तरफ वो लोग, जिन्हें सरकारों में खोट नजर नहीं आता। ऐसे लोगों के पास यदि समय हो तो वे ताली और थाली भी बजा सकते हैं।
बिहार के कटिहार जिले में चौंका देने वाला मामला सामने आया है। मामला शिक्षा विभाग की लापरवाही से जुड़ा है।जिला के मनिहारी प्रखंड स्थित उर्दू प्राथमिक विद्यालय को साल 2017 में विश्वनाथ चौधरी आदर्श मध्य विद्यालय, आजमपुर गोला में शिफ्ट कर दिया गया था, लेकिन शिफ्ट कर दिए जाने के बाद नई समस्या उत्पन्न हो गई है। उक्त मध्य विद्यालय के पास पहले से ही कमरों की कमी थी। इसलिए प्रशासनिक आदेश के बाद कक्षा एक से लेकर पांच तक के बच्चों के लिए सिर्फ एक ही कमरा दिया गया था।
ऐसे में साल 2017 से लेकर आज तक एक ही कमरे में कक्षा एक से लेकर पांच तक के बच्चों की कक्षा संचालित हो रही है। क्लास के दौरान एक ही ब्लैकबोर्ड पर, एक साथ दो शिक्षक हिंदी और उर्दू की पढ़ाई कराते हैं। बता दें कि उर्दू प्राथमिक विद्यालय, मनिहारी में तीन शिक्षक पदस्थापित हैं। ऐसे में जब बच्चों को पढ़ाना होता है तब एक शिक्षक द्वारा छात्र-छात्राओं को अनुशासन में रखा जाता है।
एक ही ब्लैक बोर्ड पर दो शिक्षक अलग-अलग विषय पढ़ाते हैं। इस बाबत ब्लैकबोर्ड को दो हिस्सों में बांट लिया गया है। इस लापरवाही के संबंध में जब जिला शिक्षा पदाधिकारी से सवाल किए गए तो उन्होंने कहा कि उन्हें हाल ही में इस बात की जानकारी मिली है। पूरे मामल में मनिहारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से बातचीत की गई है। जल्द समस्या का समाधान कर लिया जाएगा।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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