प्लास्टिक व फर्टिलाइजर का उपयोग पूरी तरह से करें बंद: सतपाल महाराज
आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर पंचायती राज विभाग, ग्राम्य विकास विभाग एवं वन अनुसंधान संस्थान की ओर से संयुक्त रुप से पंचायत प्रतिनिधियों एवं कार्मिकों के राज्य स्तरीय एक दिवसीय अभिमुखीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पंचायती राज एवं ग्रामीण निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि हम अधिक आय देने वाले वृक्षों की ऐसी पौध को ग्रामसभा स्तर पर लगाने का प्रयास करें, जिनसे कम समय में उससे अधिक आए हो सके। उन्होंने कहा कि जल संवर्धन और मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने के लिए अनेक प्रजाति की पौध लगाई जा सकती है। पंचायत मंत्री ने कहा कि पिरूल से कपड़ा बनाने का कार्य पंचायतें कर सकती हैं। पानी के स्रोतों को रिचार्ज करने के लिए चाल-खाल को बनाने के लिए मनरेगा के तहत पंचायत स्तर पर कार्य किया जा सकता है।
पंचायत मंत्री श्री महाराज ने कहा कि हमें प्लास्टिक के उपयोग को पूरी तरह से प्रतिबंधित करना है और इसके लिए हमें आपके सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि प्लास्टिक खाने से गाय और जंगली जानवरों की जान को भी हमेशा खतरा बना रहता है। इसलिए हमें अन्य विकल्पों की तलाश करनी होगी। उन्होंने कहा कि केमिकल फर्टिलाइजर लगातार मिट्टी की ताकत को समाप्त कर रहा है।
पंजाब का उदाहरण देते हुए महाराज ने कहा कि पंजाब के अंदर लोगों ने फर्टिलाइजर का अत्यधिक इस्तेमाल किया। आज पंजाब से स्पेशल ट्रेन चलती है, जिससे कैंसर एक्सप्रेस कहते हैं, कहीं ऐसा ना हो कि हर शहर से कैंसर एक्सप्रेस चलने लगे। इसलिए समय रहते हमें केमिकल फर्टिलाइजर के प्रयोग को पूरी तरह से रोकने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि अनुपयोगी भूमि को उपयोग में लाने के साथ-साथ गांव की आय को किस प्रकार से बढ़ाया जाए इस विषय में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह लगातार प्रयासरत हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में हम भी लगातार सशक्त विकल्पों की तलाश में लगे हैं। किसानों की फसल को जंगली जानवर हानि न पहुंचाएं इसके लिए सरकार सीड बॉल का प्रयोग करने जा रही है, जिसमें फलों के बीज रखकर उनको विभिन्न माध्यमों से रोपित किया जाएगा। उस रोपित बीज से जब पेड़ों पर फल लगेगें तो जंगली जानवर जंगलों से आबादी की ओर नहीं आ पाएंगे।
महाराज ने कहा कि पंचायतों को सशक्त बनाने के साथ-साथ अनुपयोगी भूमि के उपयोग और ग्राम सभा की आय बढ़ाने के विषयों पर चर्चा के साथ-साथ अन्य विषयों पर विशेषज्ञों और जनप्रतिनिधियों के विचार जानने के लिए शीघ्र ही हरिद्वार में एक विशाल सेमिनार का आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रदेश के सभी ग्राम सभाओं के प्रधान, ब्लाक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्षों को बुलाया जाएगा।
इस अवसर पर उत्तराखंड के विभिन्न विकासखंड से आए ब्लाक प्रमुख, जिला पंचायत अध्यक्ष सहित सचिव पंचायती राज नितेश झा, निदेशक बंशीधर तिवारी, संयुक्त निदेशक राजीव कुमार नाथ, उप निदेशक मनोज कुमार तिवारी, वन अनुसंधान संस्थान की निदेशक डॉ रेनू सिंह, पानी रखो आंदोलन के प्रणेता सच्चिदानंद भारती, भारतीय ग्रामोत्थान संस्थान के अनिल चंदोला, जलागम परियोजना निदेशक नीना ग्रेवाल और डॉ मनोज पंत आदि मौजूद थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।