राज्य आंदोलनकारियों के चिह्नीकरण का काम पूरा करे राज्य सरकार: सूर्यकांत धस्माना
उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि उत्तराखंड राज्य निर्माण में जिन आंदोलनकारियों के संघर्ष और बलिदानों की बदौलत राज्य निर्माण हुआ, अगर उनको आंदोलनकारी होने का सम्मान प्राप्त करने के लिए दर दर भटकना पड़ेगा तो वास्तव में यह पूरे राजनैतिक तंत्र के लिए शर्म की बात है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को संबोधित प्रार्थना पत्र राज्य आंदोलनकारी सुनीता देवी ने धस्माना को सौंपा। इसे उन्होंने मुख्यमंत्री को कार्यवाही के लिए अग्रसारित किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
विदित हो कि सुनीता देवी ने वर्ष 1994 से राज्य बनने तक राज्य निर्माण के लिए चले उत्तराखंड संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले सैकडों बार जुलूस प्रदर्शन और धरना में भाग लिया। वह जेल भरो में आंदोलन की भागीदार भी बनीं। अपने को राज्य आंदोलनकारी घोषित करवाने के लिए अब नेताओं और अधिकारियों के चक्कर लगा लगा कर थक गईं। इस पर वह अपने वृद्ध व बीमार पति तेग सिंह के साथ कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना से मिली। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सुनीता देवी ने धस्माना को अपनी पूरी व्यथा सुनाई और कहा कि उत्तराखंड बने 23 साल हो गए। 10 मुख्यमंत्री बन गए। कई मंत्री बन गए। सैकड़ों विधायक बन गए। इसके बावजूद हम आज भी भटक रहे हैं। इस बात के लिए कि हमने जो राज्य के लिए संघर्ष किया, उसका एक प्रमाणपत्र तो मिल जाए सरकार से। अपनी बात कहते हुए सुनीता देवी कई बार भावुक हो गयी तो उनके पति ने उनको ढांढस बंधाया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
साथ ही धस्माना से कुछ प्रयास करने की उम्मीद जताई। सुनीता देवी ने अपने प्रर्थनापत्र के साथ अपनी धरने पर बैठी हुई तस्वीर व अनेक चिह्नित आंदोलनकारियों का प्रमाण पत्र भी लेकर आई थी। ताकि ये पुष्टि हो सके कि वह आंदोलन में शामिल रही। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष धस्माना ने सुनीता देवी को आश्वासन दिया कि वह इस संबंध में मुख्यमंत्री धामी को पत्र लिखेंगे व उनसे मिल कर भी उनको आंदोलनकारी का सम्मान दिलवाएंगे। इसके बाद उन्होंने सीएम को पत्र लिखा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को लिखे पत्र में यह भी बताया कि राज्य आंदोलनकारी चिह्नीकरण के लिए बनी समिति की लंबे समय से बैठक नहीं हुई और 31 दिसंबर 2021 तक के चार सौ से ज्यादा प्रर्थनापत्र अभी निस्तारित नहीं हुए। कांग्रेस नेता ने मुख्यमंत्री धामी से मांग की है कि चिह्नीकरण समिति में कुछ ऐसे अवकाश प्राप्त अधिकारियों को नामित किया जाय। जो राज्य आंदोलन के दौरान राज्य में प्रशाशनिक अधिकारी के रूप में तैनात रहे हों। क्योंकि तत्कालीन परिस्तिथियों से वे अवगत रहे हैं। वह इस संबंध में मुख्यमंत्री धामी से मुलाकात कर वार्ता करेंगे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।