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December 4, 2024

दिल्ली में उत्तराखंड निवास के लोकार्पण के साथ हुई राज्य स्थापना दिवस महोत्सव की शुरुआत, इस बार नहीं होंगे सांस्कृतिक आयोजन

अलग राज्य उत्तराखंड की मांग को लेकर चले लंबे आंदोलन के बाद नौ नवंबर 2000 को भारत गणराज्य के सत्ताईस वें राज्य के रूप में उत्तराखंड राज्य की स्थापना की गई थी। तब राज्य का नाम उत्तरांचल रखा गया था। बाद में इसे उत्तराखंड कर दिया गया। इस बार राज्य स्थापना दिवस समारोह की दिल्ली में राज्य अतिथि गृह के लोकार्पण के साथ शुरुआत की गई है। हालांकि, अल्मोड़ा जिले के मार्चुला में सोमवार चार नवंबर 2024 को हुए बस हादसे के कारण मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह निर्णय लिया कि इस बार राज्य स्थापना दिवस सादगी से मनाया जाएगा। इस हादसे में 36 लोगों की जान चली गई थी और 26 लोग घायल हो गए थे। सीएम ने तय किया कि राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आठ नवम्बर को प्रस्तावित सभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों को स्थगित करके प्रदेशभर में सेवा और स्वच्छता के कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। राज्य स्थापना दिवस के तहत आयोजित होने वाले बड़े समारोह, लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रमों के दौरान भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया जायेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

राज्य स्थापना दिवस समारोह की शुरुआत नई दिल्ली में उत्तराखंड राज्य अतिथि गृह ‘उत्तराखंड निवास’ के लोकार्पण के रूप में हुई। चाणक्यपुरी में इसका लोकार्पण मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को किया। इस भव्य उत्तराखंड निवास का निर्माण लगभग 120 करोड़ 52 लाख की लागत से किया गया है। इस अवसर पर सबसे पहले मुख्यमंत्री ने अल्मोड़ा जनपद के मार्चुला बस दुर्घटना में दिवंगत आत्माओं की शांति और उनके परिवारजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज हम सब उत्तराखंड निवास के लोकार्पण के ऐतिहासिक पल के साक्षी बन रह हैं। उत्तराखंड निवास में राज्य की संस्कृति, लोक कला और वास्तुकला का समावेश किया गया है। उत्तराखंड की अद्वितीय कला की छाप उत्तराखंड निवास संजोये हुए है। इसकी दीवार पारंपरिक रूप से पहाड़ी शैली के सुंदर पत्थरों से निर्मित है, जो हमारी सांस्कृतिक धरोहर को भी जीवंत करने का का कार्य करती है। यह भवन हमारी समृद्ध सांस्कृतिक पंरपराओं को एक नई ऊंचाई प्रदान करने के साथ ही उत्तराखंड और देश-विदेश से आने वाले अतिथियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने कहा कि आरामदायी आवास व्यवस्था तथा उत्तराखंड की संस्कृति की झलक को समेटे यह भवन राष्ट्रीय राजधानी में हमारे प्रदेश की गरिमा का प्रतीक बनेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड निवास में हमारे पारंपरिक व्यंजनों की व्यवस्था की जाए। अन्न उत्पादों और जैविक उत्पादों की बिक्री के लिए भी यहां पर एक विशेष काउंटर की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की पहचान टोपी, पिछोड़ा, शॉल, जैकेट एवं राज्य के प्रसिद्ध उत्पादों की बिक्री की भी व्यवस्था हो। राज्य की महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा उच्च गुणवत्ता के उत्पाद बनाये जा रहे हैं। यह हमारे आने वाले अतिथियों के लिए एक विशेष प्रकार का अनुभव होगा। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड भवन के निर्माण में योगदान देने वाले सभी सहयोगियों का आभार व्यक्त किया। सभी श्रमिकों के समर्पण भाव की भी उन्होंने सराहना की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 09 नवम्बर को हम उत्तराखंड राज्य की रजत जयंती वर्ष में प्रवेश करने जा रहे हैं। ऐसे में उत्तराखंड भवन का लोकार्पण श्रेष्ठ उत्तराखंड बनाने का हमारे संकल्प को मजबूती प्रदान करेगा और राज्य को आगे बढ़ाने में हम सबको प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा कि राज्य के समग्र विकास के लिए पिछले सालों में कई महत्वपूर्ण योजनाएं और नीतियां लागू की गई हैं।
उन्होंने कहा कि नीति आयोग द्वारा इस वर्ष जारी सतत विकास के लक्ष्यों की रैंकिंग में उत्तराखंड को देश प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। ईज ऑफ डुइंग बिजनेस में राज्य को एचीवर्स और स्टार्टप में लीडर्स की श्रेणी प्राप्त हुई है। जीएसडीपी में 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। उत्तराखंड युवाओं को रोजगार देने में भी अग्रणी राज्य बना है। एक वर्ष में बेरोजगारी दर में 4.4 प्रतिशत कमी लाई गई है। फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी सबसे अनुकूल राज्य होने के लिए भी उत्तराखंड को देश में प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने राज्यहित में अनेक निर्णय लिये हैं। समान नागरिक संहिता की दिशा में कदम उठाने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य है। जल्द ही यूसीसी राज्य में लागू करने की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं। राज्य में देश का सबसे प्रभावी नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। इससे प्रदेश के युवाओं में नया आत्मविश्वास जगा है। हर जनपद से युवाओं का चयन हो रहा है।
उन्होंने कहा कि विगत तीन वर्षों में राज्य में 18500 सरकारी पदों पर नियुक्तियां दी गई हैं। राज्य में धर्मान्तरण को रोकने के लिए सख्त कानून लागू किया गया है। जो देवभूमि की पवित्रता और संस्कृति की रक्षा करेगा। 05 हजार से भी अधिक सरकारी जमीन जो गैरकानूनी रूप से कब्जे में थी, उसको अतिक्रमण से मुक्त कराया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

उन्होंने कहा कि प्रदेश में लव जिहाद और थूक जिहाद जैसी घटिया मानसिकता के खिलाफ भी कड़ा रूख अपनाते हुए सख्त कार्रवाई की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले बजट सत्र में एक सख्त भू-कानून भी लाया जायेगा। जिसकी काफी लंबे समय से प्रतिक्षा है। राज्य सरकार उत्तराखंड के अंतिम छोर के व्यक्ति तक विकास की धारा से जोड़ने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल, गणेश जोशी, डॉ. धन सिंह रावत, सासंद एवं पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, सांसद अजय भट्ट, राज्यसभा सांसद और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, राज्यसभा सासद डॉ. कल्पना सैनी, विधायकगण, सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु एवं सचिव उपस्थित थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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